सवाल – शरीअत के रू से उस आदमी का क्या हुकम है जिस ने नज़र मानी के अगर उस का फ़लां काम हो गया, तो वह क़ुर्बानी करेगा, तो अगर उस का फ़लां काम हो जाए, क्या उस पर क़ुर्बानी वाजिब होगी. मज़ीद यह भी बताए की इस मसअले में …
और पढ़ो »ग़रीब आदमी का क़ुर्बानी के लिए जानवर ख़रीदना
सवाल – ग़रीब आदमी ने (जिस पर क़ुर्बानी वाजिब नहीं थी) क़ुर्बानी के लिए जानवर ख़रीदा, तो क्या उस पर क़ुर्बानी वाजिब हो जाएगी?
और पढ़ो »अल्लाह त’आला की रहमत का धांप लेना
عن أنس رضي الله عنه عن النبي صلى الله عليه وسلم قال: إن لله سيارة من الملائكة يطلبون حلق الذكر فإذا أتوا عليهم حفوا بهم ثم بعثوا رائدهم إلى السماء إلى رب العزة تبارك وتعالى فيقولون...
और पढ़ो »अल्लाह तआला के बारे में अक़ाईद(मान्यता)
(१) मात्र अल्लाह तआला ही बरहक़ माबूद(सत्यता से पूजने के लायक) और इबादत के योग्य हैं...
और पढ़ो »अज़ान और इक़ामत की सुन्नतें और आदाब-(भाग-९)
अज़ान देने के समय निम्नलिखित सुन्नतों और आदाब का लिहाज़ रखा जाए...
और पढ़ो »क़ुर्बानी के दिनों में साहिबे निसाब होने वाले पर कुर्बानी
सवाल – एक शख़्स पर साहिबे निसाब न होने की वजह से कुर्बानी वाजिब नहीं थी, मगर बारह ज़िल-हिज्जह को सूरज के ग़ुरूब होने से पहले वह निसाब के बराबर माल का मालिक बन गया, तो क्या उस पर कुर्बानी वाजिब होगी?
और पढ़ो »दुरूद शरीफ़ पढ़ने तक दुआ का मौक़ूफ़ रेहना
عن عمر بن الخطاب رضي الله عنه قال : إن الدعاء موقوف بين السماء والأرض لا يصعد منه شيء حتى تصلى على نبيك صلى الله عليه و سلم...
और पढ़ो »सहीह अक़ाईद की अहमियत
दीने इस्लाम और उस के तमाम अरकान की बुन्याद अक़ाईद के सहीह होने पर है. अगर किसी आदमी के अक़ाईद दुरूस्त न हों...
और पढ़ो »मिस्वाक की सुन्नतें और आदाब-(भाग-६)
मिस्वाक के फ़ज़ाईल(श्रेष्ठताऐं) عن عائشة قالت قال رسول الله صلى الله عليه وسلم فضل الصلاة التي يستاك لها على الصلاة التي لا يستاك لها سبعين ضعفا (المستدرك للحاكم رقم ۵۱۵)[२०] हज़रते आंईशा (रज़ि.) से रिवायत है के रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने इरशाद फ़रमाया, “जो नमाज़ मिस्वाक कर के अदा …
और पढ़ो »अज़ान और इक़ामत की सुन्नतें और आदाब-(भाग-८)
अज़ान देने के समय निम्नलिखित सुन्नतों और आदाब का लिहाज़ रखा जाए (४) क़िब्ले की तरफ़ रुख़ कर के अज़ान देना.[१] عن معاذ بن جبل رضي الله عنه قال… فجاء عبد الله بن زيد رجل من الأنصار وقال فيه فاستقبل القبلة … (سنن أبي داود رقم ۵٠۷) हज़रत मुआज़ बिन …
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