हज़रत मौलाना अशरफ़ अली थानवी(रह.) ने एक मर्तबा फ़रमायाः आजकल यह मर्ज़(रोग) भी आम(सामान्य) हो गया है के अकषर लोग दूसरों के पीछे पड़े हुए हैं अपनी मुत़लक़ फ़िकर नहीं...
और पढ़ो »फ़रिश्तों से सम्बंधित अक़ाईद(मान्यता)
(१) फ़रिश्ते अल्लाह तआला के मासूम बंदे हैं और नूर से पैदा किए गए हैं. फ़रिश्ते हमें नज़र नहीं आ सकते हैं और वह न तो मुज़क्कर(मर्द) हैं और न ही मुअन्नष(औरत) हैं. तथा फ़रिश्ते इन्सानी ज़रूरतों(खाना, पीना और सोना वग़ैरह) से पाक हैं...
और पढ़ो »मसाईले मुतफ़र्रिक़ा(विविध मसाईल)
जुता, चप्पल पहन कर जनाज़े की नमाज़ अदा करना अगर जनाज़े की नमाज़ जुता/चप्पल पहन कर अदा की जाए, तो इस बात का लिहाज़ रख्खा जाए के जुता/चप्पल और ज़मीन दोनों पाक हों. और अगर कोई जुता निकाल कर उस पर खड़े हो कर नमाज़ अदा करे, तो ज़रूरी है के जुता/चप्पल पाक हो...
और पढ़ो »दाढ़ी मुंड़वाने का नुक़सान
हज़रत शैख़ मौलाना मुहमंद ज़करिय्या (रह.) ने एक मर्तबा फ़रमायाः आज लोग दाढ़ी मुंड़वाने को गुनाह नहीं समझते, एक दफ़ा हुज़ूरे अकरम (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) के पास दो काफ़िर क़ासिद (संदेशा पहोंचाने वाला) आए वोह दाढ़ी मुंड़े थे, हुज़ूर (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने मुंह फैर लिया...
और पढ़ो »दस दरजों की बुलंदी
عن أنس بن مالك قال قال رسول الله صلى الله عليه وسلم من صلى علي صلاة واحدة صلى الله عليه عشر صلوات وحطت عنه عشر خطيئات ورفعت له عشر درجات...
और पढ़ो »दस नेकियों का हासिल होना
عن أبي هريرة قال قال رسول الله صلى الله عليه وسلم من صلى علي مرة واحدة كتب الله عز وجل له بها عشر حسنات...
और पढ़ो »इख़लास – तमाम दीनी कामों की क़बूलियत की बुन्याद
हज़रत मौलाना मुहमंद इल्यास साहब(रह.) ने एक मर्तबा फ़रमाया के...
और पढ़ो »अज़ान और इक़ामत की सुन्नतें और आदाब-(भाग-१६)
अज़ान के बाद की दुआः (१) अज़ान के बाद रसूलुल्लाह(सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) पर दुरूद भेजें फिर निम्नलिखित दुआ पढ़ें..
और पढ़ो »दस रहमतों का हुसूल
عن أبي هريرة أن رسول الله صلى الله عليه وسلم قال: من صلى علي واحدة صلى الله عليه عشرا...
और पढ़ो »अंबियाए किराम(अलै.) के बारे में अक़ाइद(मान्यता) का बयान
(१) अल्लाह तआला ने दुन्या में बहोत से अंबियाए किराम(अलै.) भेजे, ताकि वह लोगों को सीधा रास्ता दिखाऐं...
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