कोई व्यक्ति किसी दुर्घटना तथा प्राकृतिक आपदा(आसमानी आफ़त) की वजह से मर जाए और उस के शरीर का अक्सर हिस्सा सहीह सालिम हो, तो उस को सामान्य तरीक़े के मुताबिक़ ग़ुसल और कफ़न दिया जाएगा और उस की जनाज़े की नमाज़ अदा की जाएगी...
और पढ़ो »ज़िक्र से संपूर्ण फ़ाइदा प्राप्त करने की शर्त
ज़िक्र बड़ी बरकत की चीज़ है मगर उस की बरकत वहीं तक है के मुनकिरात से बचा रहे, अगर एक व्यक्ति फ़र्ज़ नमाज़ न पढ़े और नफ़लें पढ़े...
और पढ़ो »अज़ान और इक़ामत की सुन्नतें और आदाब-(भाग-२०)
हज़रत ज़ियाद बिन हारिष(रज़ि.) फ़रमाते हैं के एक मर्तबा में रसूलुल्लाह(सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) के साथ सफ़र में था, मुझे रसूलुल्लाह(सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने आदेश दिया के में फ़जर की अज़ान दुं...
और पढ़ो »आसमानी बिजली से या आग से मर जाने वाले की कफ़ण दफ़न और जनाज़े की नमाज़
अगर कोई व्यक्ति आसमानी बिजली के गिरने की वजह से या आग में जल कर मर जाए और उस का शरीर सहीह सालीम हो(अंग बिखरे न हो), तो उस को साधारण तरीक़े के अनुसार ग़ुसल दिया जाएगा...
और पढ़ो »दीन के लिए प्रयास करना
हमारे बुज़ुर्गों का एक मक़ोला(बात) है, “जो हमारी इन्तीहा(अंत) को देखे वह नाकाम और जो इब्तिदा(शुरूआत) को देखे वह कामयाब”, इसलिए के इब्तिदाई जिंदगी (प्रारंभिक जीवन) मुजाहदों(कडा संघर्ष) में गुज़रती है और अख़ीर में फ़ुतुहात(सफ़लताओं) के दरवाज़े खुलते हैं...
और पढ़ो »अल्लाह तआला की आसमानी किताबों और सहीफ़ों(दिव्य ग्रंथो) से संबंधित अक़ाईद
(१) अल्लाह तबारक व तआला ने इन्सानों की हिदायत के लिए मुख़तलिफ़(जुदा जुदा) अंबियाए किराम(अलै.) पर मुतअद्दद(अलग अलग) किताबें और सहीफ़े(दिव्य ग्रंथ) नाज़िल फ़रमाए. हमें अल्लाह तआला की कुछ आसमानी किताबों और सहीफ़ों से संबंधित क़ुर्आने करीम और अहअदीषे मुबारका में ख़बर दी गई है और कुछ से संबंधित हमें ख़बर नहीं दी गई है...
और पढ़ो »अज़ान और इक़ामत की सुन्नतें और आदाब-(भाग-१९)
इक़ामत की सुन्नतें और आदाब (१) इक़ामत के हदर के साथ(जल्दी जल्दी) केहना.[1]
عن جابر رضي الله عنه أن رسول الله صلى الله عليه وسلم قال لبلال: إذا أذنت فترسل وإذا أقمت فاحدر...
और पढ़ो »गली(सडी) हुई लाश जो फटने के क़रीब हो उस की जनाज़े की नमाज़
अगर मय्यित की लाश इस क़दर गल गई हो के उस को हाथ लगाया जाए, तो आशंका है के वह टुकडे टुकडे हो जाऐंगे तो इस स्थिती में ग़ुसल के लिए बस इतना काफ़ी होगा के उस पर पानी बहा दिया जाए...
और पढ़ो »हक़ीक़ी इमान की अलामत
"इमान यह है के अल्लाह व रसूल(सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) को जिस चीज़ से ख़ुशी और राहत हो बंदे को भी उस से ख़ुशी और राहत हो. और जिस चीज़ से अल्लाह व रसूल(सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) को...
और पढ़ो »अज़ान और इक़ामत की सुन्नतें और आदाब-(भाग-१९)
इक़ामत के कलिमात अज़ान के कलिमात की तरह हैं. इन दोनों के कलिमात में मात्र इतना फ़र्क़ है के इक़ामत में حَيَّ عَلى الْفَلَاح (हय्य अलल फ़लाह) के बाद قَدْ قَامَتِ الصَّلاَة قَدْ قَامَتِ الصَّلاَة...
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