इस्लाम में फ़र्ज़ और नफ़ल का स्थान

“फ़राईज़ का स्थान नवाफ़िल से बहोत उच्चतर है बलकि समझना चाहिए के नवाफ़िल से मक़सूद ही फ़राईज़ की तकमील या उन की कोताहियों की तलाफ़ी होती है इसलिए के फ़राईज़ असल हैं...

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मुहब्बत का बग़ीचा (दूसरा प्रकरण)

यक़ीनन करूणता व मुहब्बत का यह निराला जौहर हमारे आक़ा सरकारे दो आलम (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) के तमाम अख़लाक़े आलिया(उच्च संस्कार) और अवसाफ़े हमीदा(नीराली सभ्यता) के अंदर थे और आप के यही मुबारक किरदार(व्यव्हार) को मखलूक़े इलाही दीन-रात मुशाहदा करते(देखते) थे. जो बहोस से लोगों के इस्लाम लाने का कारण बना.۔۔

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जनाज़े की नमाज़ की इमामत का सब से ज़्यादह हक़दार कौन है?

इस्लामी मुल्क में जनाज़े की नमाज़ की इमामत के लिए सब से मुक़द्दम मुस्लिम हाकिम है. शरीअत ने मुस्लिम हाकिम को जनाज़े की नमाज़ पढ़ाने का हक़ दिया है.

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निकाह की सुन्नतें और आदाब – ३

हज़रत अब्दुल्लाह बिन अम्र (रज़ि.) फ़रमाते हैं के रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने इरशाद फ़रमाया के दुनिया मालो मताअ और लज़्ज़त के योग्य चीज़ों से भरी हुई है और इन तमाम चीज़ों में सब से बेहतरीन दौलत “नेक बीवी” है...

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इमाम का चार तकबीरों से अधिक तकबीर केहना

अगर इमाम जनाज़े की नमाज़ में चार से अधिक तकबीर कहें, तो मुक़तदीयों को अधिक तकबीर में उन की इक़्तिदा(अनूसरता) नहीं करनी चाहिए,  बलकि उन को ख़ामोश रेहना चाहिए और जब इमाम फेर कर नमाज़ संपूर्ण करे तो वह भी सलाम फेर कर नमाज़ संपूर्ण करेंगे. अलबत्ता अगर मुक़तदीयों को …

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क़यामत के दिन हज़रत रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम से मुसाफ़हा

नबीए करीम (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) का इरशाद है के “जो मुझ पर हर दिन पचास बार दुरूद भेजता है, में उस से क़यामत के दिन मुसाफ़हा करूंगा.”...

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मुहब्बत आदाब का शिक्षक है

मौलवीओ ! तुम को मालूम है हज़रत अबू बक्र सिद्दीक़ (रज़ि.) बड़े ताजिर थे. उन्होंने अपना सब कुछ हुज़ूर (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) और आप के ख़ादिमों पर ख़र्च कर दिया...

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मुहब्बत का बग़ीचा (पेहला प्रकरण)

लिहाज़ा हमारे लिए ज़रूरी है के हम अपने निर्माता और मालिक अल्लाह तआला को पेहचानें, उन की प्रकृति तथा महानता और जलाल तथा जमाल पर विचार करें के अल्लाह तआला अपनी मख़लूक़ से किस क़दर मुहब्बत फ़रमाते हैं के वह हमें गुनाहों और नाफ़रमानियों के बावुजूद दिन और रात बेशुमार नेमतें अता फ़रमा रहे हैं और हमारे ऊपर बेशुमार एहसानात कर रहे हैं...

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