सिर्फ़ दसवी मोहर्रम को रोज़ा रखना

सवाल – क्या सिर्फ़ दसवीं मोहर्रम को रोज़ा रखना दुरूस्त है? या’नी अगर कोई व्यक्ति नव या ग्यारह मोहर्रम को रोज़ा न रखे, बलके सिर्फ़ दस मोहर्रम को रोज़ा रखे, तो क्या यह अमल दुरूस्त होगा?

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नए साल के मोक़े पर मुबारक बाद देना

सवाल – अगर चांद देखा जाए तो कल से नया इस्लामी साल मुहर्रम का महीना शूरू होगा. क्या हम उस मोक़े पर (यअनी नये साल के शुरू में) एक दूसरे को मुबारक बाद दे सकते हैं या यह अमल शरीअत के ख़िलाफ़ है?

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मुहर्रम के महीने में रोज़ा रखने का षवाब

सवाल – क्या इस हदीष को बयान करना और इस पर अमल करना दुरूस्त है के मुहर्रम के महीने में हर दिन नफ़ल रोज़े रखने का षवाब तीस दिनके नफ़ल रोज़ा रखने के षवाब के बराबर है?

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मोहब्बत का बग़ीचा (ग्यारहवां प्रकरण)‎

अल्लाह तआला ने फल की ख़ूबसूरती और हिफ़ाज़त के लिए "छिलका" बनाया है, जब "छिलका" उतर जाता है, तो फल की ख़ूबसूरती ख़तम हो जाती है और वह महफ़ूज़ नहीं रेहता है, बलके वह बहोत जल्द ख़राब हो जाता है...

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पवित्र पूर्वजों के जीवन का अध्ययन सुन्नत की ओर ले जाता है

अपने पूर्वजों (अकाबिर) के हालात तथा वाक़िआत ख़ूब देखा करो, पढ़ा करो, सहाबा में भी मुझे देखने से हर रंग के मिले हैं, इसी तरह अपने पूर्वजों (अकाबिर) भी के उन में भी विभीन्न रंग के में ने पाए हैं...

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नमाज़ की सुन्नतें और आदाब

मुसलमानों के जिवन में नमाज़ की जो महान महत्तवता है, वह बयानकी मोहताज नहीं है. नमाज़ की महत्तवता और महानता के लिए बस इतना ही काफ़ी है के क़यामत के दीन सब से पेहले जिस अमल के बारे में सवाल होगा वह नमाज़ है...

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