नमाज़ से पेहले (१) नमाज़ के वक़्त से पेहले ही नमाज़ के लिये अच्छी तरह तय्यारी कीजीये. शारिरीक तय्यारी के साथ साथ आप को मानसिक रूप से इस बात का पूरे तौर पर एहसास होना चाहिये के आप अल्लाह तआला की बारगाह में हाज़िर होने वाले हैं. [१] (२) हर …
और पढ़ो »तहज्जुद की नमाज़ के लिये बेदार होने के वक़्त दुरूद शरीफ़ पढ़ना
हज़रत जाबिर बिन समुरा (रज़ि.) से रिवायत है के नबीये करीम (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने इरशाद फ़रमाया के बेशक में मक्का मुकर्रमा के अन्दर इस पत्थर को पेहचानता हुं जो मुझे नुबुव्वत से पेहले सलाम किया करता था. बेशक में इस को अभी भी पेहचानता हुं....
और पढ़ो »मोहब्बत का बग़ीचा (तेरहवां प्रकरण)
بسم الله الرحمن الرحيم ख़ैरो बरकत की चाबी रसूले करीम (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) के ज़माने में एक दफ़ा क़बीलए बनु अशअर का एक प्रतिनिधिमंडल यमन से हिजरत कर के मदीना मुनव्वरा पहुंचा. मदीना मुनव्वरा पहुंचने के बाद उस प्रतिनिधिमंडल का तोशा ख़तम हो गया, तो उन्होंने एक आदमी को नबीए …
और पढ़ो »इस्लाम को ज़िन्दा करना
अगर मुसलमान अपनी इस्लाह कर लें और दीन उन में रचबस जाये (स्थापित हो जाये) तो दीन तो वह है ही, लेकिन दुन्यवी मसाईब का भी जो कुछ आजकल उस पर हुजूम है, इनशा अल्लाह चंद रोज़ में काया पलट हो जाये...
और पढ़ो »मरज़ुल मौत (मौत की बीमारी)
अगर कोई शख़्स मरज़ुल मौत में हो, मगर किसी और सबब से मर जाये (मिषाल के तौर पर वह आख़री दरजे के केन्सर में मुब्तला हो, मगर वह गाड़ी के हादषे की वजह से मर जाये) तब भी इस बीमारी को “मरज़ुल मौत” कहा जायेगा...
और पढ़ो »फ़र्ज़ नमाज़़ों के बाद दुरूद शरीफ़ पढ़ना
हज़रत अनस (रज़ि.) के दिल में रसूले करीम (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) की इतनी ज़्यादा मोहब्बत थी के उन्होंने अपने आप को नबीये करीम (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) के बग़ैर इस दुन्या में रेहने के क़ाबिल नहीं समझा...
और पढ़ो »जीवन के हर पहलू में इत्तेबाये सुन्नत की कोशिश करे
मेरे चचा जान (यअनी हज़रत मौलाना मुहमंद इल्यास साहब (रह.)) भी मुझको इत्तेबाए सुन्नत की नसीहत फ़रमाई थी और यह के अपने दोस्तो को भी उस की ताकीद ज़रूर करते रेहना...
और पढ़ो »सूरतुल क़ारिअह की तफ़सीर
खड़खड़ाने वाली चीज़ (१) क्या है वह खड़खड़ाने वाली चीज़ ? (२) और आप को क्या मालूम के वह खड़खड़ाने वाली चीज़ क्या है ?...
और पढ़ो »निकाह की सुन्नतें और आदाब – ९
अगर एक घर के अन्दर परिवार के एसे सदस्य भी रेहते हों, जो औरत के लिये नामहरम हों, तो नामहरम मर्द और औरत के लिये ज़रूरी है के घर के अन्दर भी परदे का पूरा एहतेमाम करें...
और पढ़ो »मुसलमान की गर्भवती ईसाई या यहूदी बिवी की तदफ़ीन कहां की जाये?
अगर गर्भवती महीला औरत मर जाये और उस के पेटे में बच्चा जिवीतत हो, तो बच्चे को आपरेशन के द्वार निकाला जायेगा और अगर बच्चा जिवीत न हो, तो उस को नहीं निकाला जायेगा...
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