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आशूरा की महत्तवता

सवाल – कुछ लोगों का अक़ीदा है कि मुहर्रम का महीना हज़रत हुसैन (रज़ि.) की शहादत पर सोग (ग़म) मनाने का महीना है और कुछ लोगों का ख़्याल है कि मुहर्रम का महीना ख़ुशी मनाने और अहले ख़ाना (घर वालों) पर फ़राख़ दिली (दिल ख़ोल कर) से ख़र्च करने का …

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दुरूद शरीफ़ जमा करने के लिए फ़रिश्तों का दुनिया में सैर करना

हज़रत अब्दुल्लाह बिन मसऊद (रज़ि.) से मरवी है के रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने इरशाद फ़रमाया के "बेशक अल्लाह सुब्हानहु वतआला के बहोत से फ़रिश्ते हैं, जो ज़मीन में फिरते रेहते हैं और मुझे मेरी उम्मत का सलाम पहोंचाते हैं."...

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हज़रत हुसैन (रज़ि.) के लिए आशूरा के दिन रोज़ा रखना

सवाल – क्या हम हज़रत हुसैन (रज़ि.) को सवाब पहोंचाने के लिए आशूरा के मोक़े पर रोज़ा रख सकते हैं? क्या उस का कोई ख़ास फ़ायदा या सवाब है जो अल्लाह त’आला हमें अता फ़रमाऐंगे?

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सिर्फ़ दसवी मोहर्रम को रोज़ा रखना

सवाल – क्या सिर्फ़ दसवीं मोहर्रम को रोज़ा रखना दुरूस्त है? या’नी अगर कोई व्यक्ति नव या ग्यारह मोहर्रम को रोज़ा न रखे, बलके सिर्फ़ दस मोहर्रम को रोज़ा रखे, तो क्या यह अमल दुरूस्त होगा?

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नए साल के मोक़े पर मुबारक बाद देना

सवाल – अगर चांद देखा जाये तो कल से नया इस्लामी साल मुहर्रम का महीना शूरू होगा. क्या हम उस मोक़े पर (यानी नये साल के शुरू में) एक-दूसरे को मुबारक बाद दे सकते हैं या यह अमल शरीअत के ख़िलाफ़ है?

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