सवाल – क्या रोज़े की हालत में बीमारी की मूल्यांकन (तशख़ीस) के लिए औरत के गर्भ (रहम) में कोई चीज़ दाख़िल करने से रोज़ा फ़ासिद हो जाएगा? क्या रोज़े की हालत में शर्मगाह (योनी) के अन्दर कोई चीज़ दाख़िल करने से रोज़ा फ़ासिद हो जाएगा?
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5 days ago
जुम्आ के दिन दुरूद शरीफ़ पढ़ने की बरकत से दीनी और दुनयवी ज़रूरतों की तकमील
सुलहे हुदैबियह के मोक़े पर नबिए करीम (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने हज़रत उषमान (रज़ि.) को मक्का मुकर्…
1 week ago
हज़रत बिलाल रद़ियल्लाहु अन्हु – इस्लाम के पहले मुअज़्ज़िन
ذكر العلامة ابن الأثير رحمه الله أن سيدنا بلالا رضي الله عنه كان أول من أذن في الإسلام. وكان يؤذّن ل…
2 weeks ago
इयादते-मरीज़ की सुन्नतें और आदाब – २
इयादते-मरीज़ के फज़ाइल सत्तर हज़ार फ़रिश्तों की दुआ का हुसूल हज़रत अली रद़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत ह…
2 weeks ago
दुरूद शरीफ़ ग़ुर्बत दूर करने का ज़रीआ
हज़रत अबु हुरैरह (रज़ि.) से रिवायत है के एक मर्तबा नबीए करीम (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने फ़रमाया के…
3 weeks ago
हज़रत बिलाल रद़ियल्लाहु अन्हु – हब्शियों में सबसे पहले मुसलमान
عن سيدنا أنس رضي الله عنه أنه قال: قال رسول الله صلى الله عليه وسلم: السباق (أقوامهم إلى الإسلام) أر…
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क्या रोज़े की निय्यत ज़बान से करना ज़रूरी है?
सवाल – अगर किसी ने ज़बान से रोज़े की निय्यत नहीं की, तो क्या उस का रोज़ा दुरूस्त होगा? स्पष्ट रहे के उस को ज़हनी तौर पर मालूम है के वह रमज़ान का रोज़ा रख रहा है.
और पढ़ो »फ़जर से पेहले जनाबत का ग़ुसल न करने की सूरत में रोज़े का हुकम
सवाल – अगर किसी ने रमज़ान के महीने में एक दिन फ़जर की नमाज़ से पेहले जनाबत का ग़ुसल नहीं किया, बलके उस ग़ुसल को मुअ की नमाज़ से पेहले ग़ुसल जनाबत का ग़ुसल किया, तो क्या उस का रोज़ा दुरूस्त होगा?
और पढ़ो »ज़कात की रक़म से ग़रीब आदमी की बीजली और पानी का बिल अदा करना
सवाल:– क्या ज़कात की रक़म से किसी ग़रीब मुसलमान की बिजली और पानी का बिल अदा करने से ज़कात अदा हो जाएगी?
और पढ़ो »व्यापार की निय्यत से ख़रीदे गए पशुओं पर ज़कात
सवाल:– जो ऊंट, बैल, गाए, दुम्बे और बकरियां वग़ैरह बेचने की निय्यत से ख़रीद लिए जाए, तो क्या उन पर ज़कात फ़र्ज़ होगी?
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