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जुम्आ के दिन कषरत से दुरूद शरीफ़ पढ़ने वाले के लिए नबिए करीम (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) की दुआ

हज़रत उमर बिन ख़त्ताब (रज़ि.) से रिवायत है के रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने इरशाद फ़रमाया के “रोशन रात और रोशन दिन में (जुम्आ की रात और जुम्आ के दिन) मुझ पर कषरत से दुरूद भेजो, क्युंकि तुम्हारा दुरूद मेरे सामने पेश किया जाता है, तो में तुम्हारे लिए दुआ और अस्तग़फ़ार करता हुं.”...

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आशूरा की महत्तवता

सवाल – कुछ लोगों का अक़ीदा है कि मुहर्रम का महीना हज़रत हुसैन (रज़ि.) की शहादत पर सोग (ग़म) मनाने का महीना है और कुछ लोगों का ख़्याल है कि मुहर्रम का महीना ख़ुशी मनाने और अहले ख़ाना (घर वालों) पर फ़राख़ दिली (दिल ख़ोल कर) से ख़र्च करने का …

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दुरूद शरीफ़ जमा करने के लिए फ़रिश्तों का दुनिया में सैर करना

हज़रत अब्दुल्लाह बिन मसऊद (रज़ि.) से मरवी है के रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने इरशाद फ़रमाया के "बेशक अल्लाह सुब्हानहु वतआला के बहोत से फ़रिश्ते हैं, जो ज़मीन में फिरते रेहते हैं और मुझे मेरी उम्मत का सलाम पहोंचाते हैं."...

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