(१) दूसरी रकात के दूसरे सजदे के बाद क़ाअदे में बैठें. कअदा में इस तरह बैठ जाऐं, जिस तरह “जलसे” में बैठे....
और पढ़ो »हज़रत तल्हा रज़ियल्लाहु अन्हु के लिए जन्नत की बशारत
रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने इर्शाद फ़रमाया: عبد الرحمن في الجنة (أي: هو ممن بشّر بالجنة ف…
फ़रिश्तों की मुसलसल दुआ
عَن عَامِر بن رَبِيَعَة رَضِي اللهُ عَنهُ عَن النّبي صَلَّى اللهُ عَلَيهِ وَ سَلَّمَ قَالَ مَا مِن م…
दुरूद लिखने वाले फ़रिश्ते
عن عقبة بن عامر رضي الله عنه قال : قال رسول الله صلى الله عليه وسلم : إن للمساجد أوتادا جلساؤهم المل…
हज़रत अब्दुर्रहमान बिन औफ़ रज़ियल्लाह अन्हु एक बेहतरीन मुसलमान
नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने हज़रत अब्दुर्रहमान बिन औफ़ रज़ियल्लाह अन्हु के बारे में फ़रमा…
अज़ान के बाद दुरूद-शरीफ़ पढ़ना
عن عبد الله بن عمرو بن العاص رضي الله عنهما أنه سمع النبي صلى الله عليه وسلم يقول: إذا سمعتم المؤذن …
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नमाज़ की सुन्नतें और आदाब – ६
पेहली रकअत के दूसरे सजदे के बाद तकबीर केह कर दूसरी रकअत के लिये खड़े हो जायें...
और पढ़ो »ख़ुशहाली सुन्नत पर अमल करने में है
पस जिन लोगों को रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) के इत्तिबाअ में सादा मुआशरत मरग़ूब हो जाए और उन को इसी में लज़्ज़त और चैन मिलने लगे, उन पर अल्लाह तआला का बड़ा इनाम है के उन का चैन एसी चीज़ों से वाबस्ता फ़रमा दिया जो बेहद ससती है और जिन का हुसूल हर ग़रीबो फ़क़ीर के लिए बहोत आसान है...
और पढ़ो »आर्थिक मामलों में सावधानी बरतना
“मालियात में तक़वा बहोत कम देखा जाता है. अफ़आल और आमाल तो आज कल बहोत हैं. तहज्जुद चाश्त इशराक विर्द वजीफ़े तो बहुत मगर यह बात बहुत कम है के माल से मोह तथा मोहब्बत न हो, तथा हो मगर फिर भी सावधान रहें, तो यह उस से बढ़ कर है.”...
और पढ़ो »(६) जनाज़े से संबंधित मुतफ़र्रिक़ मसअला
मय्यित की पेशानी और सजदे की जगहों (हाथ, पैर, नाक और घुटनों) पर काफ़ूर मलना अफ़ज़ल है. अलबत्ता काफ़ूर का पेस्ट बनाना और उस को मय्यित की पेशानी और सजदे की जगहों पर लगाना दुरूस्त नहीं है, क्युंकि यह सुन्नत के ख़िलाफ़ है और उस से चेहरा और दीगर अंग बदनुमा मालूम होते हैं...
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