हज़रत मौलाना अशरफ़ अली थानवी (रह़िमहुल्लाह) ने एक बार इर्शाद फ़रमाया: फर्ज़ के अलावा जो नमाज़ है, उन के मुताल्लिक (बारे में), सलफ़ (पेहले बुज़ुर्गो) में यही मामूल था कि घर पर पढ़ते थे, और फी-नफ्सिही इसमें फ़ज़ीलत है; मगर एक जमाअत ऐसी पैदा हो गई कि वो मुअक्कद-नमाज़ की …
और पढ़ो »हज़रत सईद बिन-ज़ैद रद़ियल्लाहु अन्हु का बुलंद मक़ाम
قال سعيد بن جبير رحمه الله: كان مقام أبي بكر وعمر وعثمان وعليّ وسعد وسعيد وطلحة والزّبير وعبد الرّحم…
हज़रत उस्मान रद़ियल्लाहु अन्हु की शहादत पर हज़रत सईद बिन-ज़ैद रद़ियल्लाहु अन्हु का हुज़्न-व-ग़म
بعدما قتل البغاةُ سيدنا عثمان رضي الله عنه في المدينة المنورة، خاطب سيدنا سعيد بن زيد -وكان في الكوف…
ख़ैर तलब करना
उहद की लड़ाई में हुज़ूरे अक़दस (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने दरयाफ़्त फ़रमाया के सअद बिन रबीअ (रज़ि.)…
अल्लाह तआला की रज़ामंदी का हुसूल
हज़रत आंईशा (रज़ि.) से रिवायत है के रसूलुल्लाह(सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने इरशाद फ़रमाया के “जो आदमी…
हज़रत उम्मे-सलमह रद़ियल्लाहु अन्हा की हज़रत सईद बिन-ज़ैद रद़ियल्लाहु अन्हु को अपनी नमाज़े-जनाज़ा पढ़ाने की वसीयत
أوصت أم المؤمنين السيدة أم سلمة رضي الله عنها أن يصلي عليها سعيد بن زيد رضي الله عنه (مصنف ابن أبي ش…
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हज़रत अब्दुर्रह़मान बिन औफ़ रद़ियल्लाहु अन्हु की सखावत
أوصى سيدنا عبد الرحمن بن عوف رضي الله عنه لكل من شهد بدرا بأربعمائة دينار، فكانوا مائة رجل (كان مائة من أهل بدر أحياء عند وفاته). وكذلك أوصى بخمسين ألف دينار فِي سبيل اللّه. (من أسد الغابة ٣/٣٨٠) हज़रत अब्दुर्रह़मान बिन औफ़ (रद़ियल्लाहु अन्हु) ने अपनी वफ़ात से पहले वसीयत …
और पढ़ो »मर्द के लिए चांदी का कंगन पहनना
सवाल- मैं जानता हूं कि मर्द के लिए चांदी की अंगूठी पहनना जायज़ है, लेकिन क्या मर्द के लिए चांदी का कंगन पहनना जायज़ है? जवाब- यह जायज़ नहीं है। मर्द के लिए सिर्फ एक चांदी की अंगूठी पहनना जायज़ है, जो एक मिस्काल से ज़्यादा न हो (यानी 4.374 …
और पढ़ो »फज़ाइले-सदकात – २४
हज़रत आइशा रद़ियल्लाहु अन्हा की सखावत हज़रत मुन्कदिर रह़िमहुल्लाह एक मर्तबा हज़रत आइशा रद़ियल्लाहु अन्हा की खिदमत में हाज़िर हुए और अपनी सख़्त हाजत का इज़हार किया, उन्होंने फरमाया कि मेरे पास इस वक़्त बिल्कुल कुछ नहीं है, अगर मेरे पास दस हज़ार भी होते तो सब के सब तुम्हें …
और पढ़ो »दुरूद-शरीफ़ पढ़ने से सदक़े का सवाब
عن أبي سعيد الخدري رضي الله عنه عن رسول الله صلى الله عليه وسلم قال: أيما رجل مسلم لم تكن عنده صدقة فليقل في دعائه: اللهم صل على محمد عبدك ورسولك وصل على المؤمنين والمؤمنات والمسلمين والمسلمات...
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