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सुरए क़ुरैश की तफ़सीर

क़ुरैश की इज़्ज़त तथा महानता का ज़ाहिरी सबब यह है के उन के अन्दर कुछ उच्च अख़लाक़ तथा अवसाफ़ थे. जैसे अमानत दारी, शुकर गुज़ारी, लोगों की रिआयत, उन के साथ हुस्ने सुलूक (अच्छा व्यव्हार) और बे बस लाचार लोगों और मज़लूमों की मदद करना वग़ैरह. इस प्रकार के उच्च अख़लाक़ तथा अवसाफ़ क़ुरैश की सरीश्त और फ़ितरत में दाख़िल थे. यही वजह है के अल्लाह तआला ने उन्हें अपने घर काबा शरीफ़ की ख़िदमत का शरफ़ अता फ़रमाया...

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मोहब्बत का बग़ीचा (तेईसवां प्रकरण)‎

بسم الله الرحمن الرحيم वालिदैन के महान अधिकार अल्लाह सुब्हानहु वतआला की अता करदा बड़ी नेअमतों में से वालिदैन की नेअमत है. वालिदैन की नेअमत इतनी अज़िमुश्शान नेअमत है के उस नेअमत का कोई बदल नही है और यह नेअमत एसी है के इन्सान को अपने जिवन में एक ही …

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सालिहीन की इत्तेबाअ

प्यारो ! आदमी अपने आप से नहीं बढ़ता अल्लाह जल्ल शानुहु जैसे बढ़ावे वही बढ़ता है अपने आप को ख़ूब गिरावो, अपने समकालिन (मुआसिरीन) में से हर एक को अपने से बड़ा समझो...

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नमाज़ की सुन्नतें और आदाब – १०

नमाज़ से पेहले (१) नमाज़ के लिए मुनासिब कपड़े पेहनने का विशेष प्रबंध किया जाए. औरत को चाहिए के वह एसा लिबास पेहने, जो उस के पूरे बदन और बाल को छूपा ले. यह अदब के ख़िलाफ़ है के औरत एसा तंग और चुस्त लिबास पेहने जिस से उस के …

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अम्र बिल मारूफ़ और नही अनिल मुनकर की ज़िम्मे दारी – प्रकरण-१

इन्शा अल्लाह आईन्दा क़िस्तों में हम दीन के इस अहम विभाग (यअनी अम्र बिल मारूफ़ और नही अनिल मुनकर) को क़ाईम करने की महत्तवता को बयान करेंगे. और साथ साथ हम उस से संबंघित मसाईल को भी बयान करेंगे. इसी तरह हम सहाबए किराम (रज़ि.) और अस्लाफ़ के उन वाक़ियात को ज़िकर करेंगे. जिन से हमें मालूम होगा के उन्होंने कैसै अम्र बिल मारूफ़ और नही अनिल मुनकर की यह बड़ी ज़िम्मेदारी अपने जिवन में अन्जाम दी है...

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