ग़ुसल देने के वक़्त मय्यित को जिस तरह से भी रखना आसान हो उसी तरह उस को रखो, उस के लिए कोई विशेष सिम्त (दिशा) नियुक्त नहीं है...
और पढ़ो »इद्दत की सुन्नतें और आदाब – २
शौहर की वफात के बाद बीवी की इद्दत के हुक्म (१) जब किसी औरत के शौहर का इन्तिका़ल हो जाए, तो उस पर …
अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को फ़रिश्तों के ज़रिए दुरूद शरीफ़ के बारे में बताया गया
عن أبي هريرة رضي الله عنه قال: قال رسول الله صلى الله عليه وسلم من صلى علي عند قبري سمعته ومن صلى عل…
रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम के पसंदीदा
سئلت سيدتنا عائشة رضي الله عنها: أي أصحاب رسول الله صلى الله عليه وسلم كان أحب إلى رسول الله؟ قالت: …
सूरह-फलक़ और सूरह-नास की तफ़सीर – प्रस्तावना
قُلْ أَعُوذُ بِرَبِّ الْفَلَقِ ﴿١﴾ مِن شَرِّ مَا خَلَقَ ﴿٢﴾ وَمِن شَرِّ غَاسِقٍ إِذَا وَقَبَ ﴿٣…
हज़रत अबू-‘उबैदा रद़ियल्लाहु अन्हु के लिए जन्नत की बशारत
अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने इर्शाद फ़र्माया: أبو عبيدة في الجنة (أي: هو ممن بشّر بالج…
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उम्मत का दुरूद नबी (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) को पहोंचना
अपने घरों को क़ब्रस्तान न बनावो (घरों को नेक आमालः नमाज़, तिलावत और ज़िक्र वग़ैरह से आबाद रखो. उन को क़ब्रस्तान की तरह मत बनावो जहां नेक आमाल नही होते हैं) और मेरी क़बर को जशन की जगह मत बनावो और मुझ पर दुरूद भेजो, क्युंकि तुम्हारा दुरूद मेरे पास (फ़रिश्तों के ज़रीए) पहोंचता है, चाहे तुम जहां कहीं भी हो...
और पढ़ो »मोहब्बत का बग़ीचा (सतरहवां प्रकरण)
जो व्यक्ति अल्लाह तआला की विशेष रहमत का तालिब है उसे चाहिए के वह पांच वक़्त की नमाज़ें जमाअत के साथ पाबंदी के साथ मस्जिद में अदा करे, तमाम गुनाहों से बचना और मख़लुक के साथ शफ़क़त तथा हमदरदी के साथ पेश आए और उन के अधिकार अदा करे...
और पढ़ो »मुसलमानों के धार्मिक पतन पर सहानुभूति और चिंता व्यक्त करते हुए
दुनिया के नुक़सान को नुक़सान समझा जाता है लेकिन दीन के नुक़सान को नुक़सान नहीं समझा जाता, फिर हम पर आसमान वाला क्युं रहम करे, जब हमें मुसलमानों की दीनी हालत के अबतर होने पर रहम नहीं...
और पढ़ो »नमाज़ की सुन्नतें और आदाब – ५
तकबीर कहें और मामूल के अनुसार दूसरे सजदे में जायें (दूसरा सजदा करें)...
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