इज़तिबाअ और रमल उमरह के तवाफ़ में मर्द इज़तिबाअ और रमल करेगा. इज़तिबाअ यह है के तवाफ़ करने वाला मर्द एहराम की चादर को दायीं बग़ल में से निकाल कर बायें कंधे पर ड़ालेगा और दाहना कंधा खुला छोडेगा. पूरे तवाफ़ में (यअनी सातों चक्करो में) मर्द इज़तिबाअ करेगा. और …
और पढ़ो »दुआ की सुन्नतें और आदाब – ७
(१७) बेहतर यह है कि जामे’ दुआ करें। हज़रत आयशा रज़ियल्लाहु अन्हा फ़रमाती हैं कि हज़रत रसूलुल्ल…
जन्नत में दाख़िल करने वाले अमल को छोड़ना
عن حسين بن علي رضي الله عنهما قال قال رسول الله صلى الله عليه و سلم... …
कोहे हिरा का खुशी से झूमना
ذات مرة، صعد رسول الله صلى الله عليه وسلم جبل حراء فتحرك (الجبل ورجف)، فقال رسول الله صلى الله عليه …
हररोज रात दिन तीन मर्तबा दुरूद-शरीफ़ पढ़ने का सवाब
عن ابي كاهل رضي الله عنه قال قال لي رسول الله صلى الله عليه وسلم... …
तबूक की लड़ाई के अवसर पर हज़रत अब्दुर्रहमान बिन औफ़ रद़ियल्लाह अन्हु का अपना माल खर्च करना
لما حضّ رسول الله صلى الله عليه وسلم الصحابة رضي الله عنهم على الإنفاق تجهيزا للجيش لغزوة تبوك، أنفق…
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हज्ज और उमरह की सुन्नतें और आदाब – ९
उमरे के तवाफ़ का तरीक़ा जब आप मस्जिदुल हराम पहोंचें, तो मस्जिद में दाख़िल होने की मस्नून दुआ पढ़ें फिर उमरह के लिए आगे बढ़ें. दो रकअत तहिय्यतुल मस्जिद न पढ़ें जैसा के आप दूसरी मस्जिदों में दाख़िल होने के बाद पढ़ते है, बलके सीघे तवाफ़े उमरह के लिए जाए, …
और पढ़ो »हज्ज और उमरह की सुन्नतें और आदाब – ८
एहराम बांधने से पेहले दो रकअत नफ़ल नमाज़ अदा करना जब आप एहराम की चादर पेहन लें, तो एहराम की निय्यत बांधने से पेहले दो रकअत नफ़ल नमाज़ अदा करें, बशर्त यह के मकरूह वक़्त न हो. बेहतर यह है के आप पेहली रकअत में सुरए काफ़िरून और दूसरी रकअत …
और पढ़ो »हज्ज और उमरह की सुन्नतें और आदाब – ७
उमरह और हज्ज का तरीक़ा सामान्य तौर पर लोग हज्जे तमत्तुअ अदा करते हैं (यअनी हज्ज के महीनों में उमरह अदा करते हैं फिर एहराम खोल देते हैं और जब हज्ज के दिन आते हैं तो दूसरा एहराम बांघ कर हज्ज अदा करते हैं) इसलिए ज़ैल में हज्जे तमत्तुअ अदा …
और पढ़ो »हज्ज और उमरह की सुन्नतें और आदाब – ६
हज्ज की तीन क़िस्में हज्ज की तीन क़िस्में हैंः (१) हज्ज इफ़राद (२) हज्ज तमत्तुअ (३) हज्ज क़िरान हज्जे इफ़राद हज्जे इफ़राद यह है के इन्सान हज्ज का एहराम बांध कर सिर्फ़ हज्ज करे और हज्ज के महीनों में हज्ज से पेहले उमरह न करे. [१] हज्जे तमत्तुअ हज्जे तमत्तुअ …
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