सवाल – क्या तरावीह की नमाज़ में क़ुर्आन की तिलावत को तजवीद के साथ पढ़ना ज़रूरी है? बसा अवक़ात जलदी पढ़ने की वजह से तिलावत तजवीद के साथ नहीं होती है?
और पढ़ो »जन्नत में दाख़िल करने वाले अमल को छोड़ना
عن حسين بن علي رضي الله عنهما قال قال رسول الله صلى الله عليه و سلم... …
कोहे हिरा का खुशी से झूमना
ذات مرة، صعد رسول الله صلى الله عليه وسلم جبل حراء فتحرك (الجبل ورجف)، فقال رسول الله صلى الله عليه …
हररोज रात दिन तीन मर्तबा दुरूद-शरीफ़ पढ़ने का सवाब
عن ابي كاهل رضي الله عنه قال قال لي رسول الله صلى الله عليه وسلم... …
तबूक की लड़ाई के अवसर पर हज़रत अब्दुर्रहमान बिन औफ़ रद़ियल्लाह अन्हु का अपना माल खर्च करना
لما حضّ رسول الله صلى الله عليه وسلم الصحابة رضي الله عنهم على الإنفاق تجهيزا للجيش لغزوة تبوك، أنفق…
अल्लाह की नज़र से गिरने की एक वजह
एक दीनी मद्रसा के एक मशहूर उस्ताद का ज़िक्र करते हुए हज़रत मौलाना मुह़म्मद इल्यास साहिब रह़िमहुल्लाह…
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इमाम के अवसाफ़ (२)
सवाल – एक आदमी हाफ़िज़े क़ुर्आन है, उस के बारे में मालूम है के वह ग़लत सलत कामों में मुब्तला है, अपने मामूलात में वह बड़ा घोके बाज़ है और वह नशा आवर चीज़ों को इस्तेमाल करता है, तो क्या एसे आदमी को फ़र्ज़ नमाज़ अथवा तरावीह की नमाज़ के …
और पढ़ो »इमाम के अवसाफ़ (१)
सवाल – इमाम बनने के लिए (यअनी लोगों की इमामत करने के लिए) आदमी में कोनसे अवसाफ़ (गुणवत्ता) होना चाहिए?
और पढ़ो »तरावीह की नमाज़ चार चार तथा छ छ रकअत कर के पढ़ना
सवाल – एक इमाम साहब ने रमज़ान के महीने में बीस रकआत तरावीह की नमाज़ पढ़ाई. तरावीह के दौरान इमाम साहब तशह्हुद में बैठे बग़ैर तीसरी रकअत के लिए खड़े हो कर चार रकआत के साथ नमाज़ को मुकम्मल कर ली, तो क्या तरावीह की यह चार रकआत दुरूस्त हुई. …
और पढ़ो »क़यामत की अलामात (संकेत) – दूसरा प्रकरण
उम्मत के सामने क़यामत की अलामत को बयान करने का मक़सद हज़रत रसूले ख़ुदा (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने अपनी उम्मत को क़यामत की बहोत सी छोटी और बड़ी अलामतों से आगाह किया है. उन में बहोत सी छोटी अलामतें गुज़िश्ता सदियों में ज़ाहिर हो चुकी हैं और बहोत सी छोटी …
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