हज़रत रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया ما لأحد عندنا يد إلا وقد كافيناه ما خلا أبا بكر فإن له عندنا يدا يكافئه الله به يوم القيامة (سنن الترمذي، الرقم: ٣٦٦١) जिस ने भी हमारे साथ कोई एहसान किया, हम ने उसका बदला (इस दुनिया में) दे दिया सिवाए …
और पढ़ो »जुम्आ के दिन दुरूद शरीफ़ पढ़ने की बरकत से दीनी और दुनयवी ज़रूरतों की तकमील
सुलहे हुदैबियह के मोक़े पर नबिए करीम (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने हज़रत उषमान (रज़ि.) को मक्का मुकर्…
हज़रत बिलाल रद़ियल्लाहु अन्हु – इस्लाम के पहले मुअज़्ज़िन
ذكر العلامة ابن الأثير رحمه الله أن سيدنا بلالا رضي الله عنه كان أول من أذن في الإسلام. وكان يؤذّن ل…
इयादते-मरीज़ की सुन्नतें और आदाब – २
इयादते-मरीज़ के फज़ाइल सत्तर हज़ार फ़रिश्तों की दुआ का हुसूल हज़रत अली रद़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत ह…
दुरूद शरीफ़ ग़ुर्बत दूर करने का ज़रीआ
हज़रत अबु हुरैरह (रज़ि.) से रिवायत है के एक मर्तबा नबीए करीम (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने फ़रमाया के…
हज़रत बिलाल रद़ियल्लाहु अन्हु – हब्शियों में सबसे पहले मुसलमान
عن سيدنا أنس رضي الله عنه أنه قال: قال رسول الله صلى الله عليه وسلم: السباق (أقوامهم إلى الإسلام) أر…
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हज़रत जिब्रील अलयहि अल-सलाम की तरफ से “अस्-सिदीक” का लकब
हज़रत रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने मैराज की रात हज़रत जिब्रील अलयहि अल-सलाम से फरमाया: إن قومي لا يصدقوني (إذا أخبرتهم بأنه قد أسري بي)، فقال له جبريل: يصدقك أبو بكر، وهو الصديق (المعجم الأوسط للطبراني، الرقم: ٧١٧٣) मेरी कौम मेरी तस्दीक़ नहीं करेगी (जब मैं उन्हैं मैराज के …
और पढ़ो »शुक्र और नाशुक्री की बुनियाद
हज़रत मौलाना अशरफ़ अली थानवी (रहिमहुल्लाह) ने एक मर्तबा इरशाद फ़रमायाः इन्सान के दिल में नाशुक्री इस से पैदा होती है कि आदमी अल्लाह की मौजूदा और जो हासिल है उस ने’मतो पर तो नजर न करे और जो चीज हासिल नहीं, सिर्फ उसको देखता रहे। इसके बरखिलाफ (विपरीत) जो …
और पढ़ो »उम्मते मुहम्मदया में सबसे मजबूत इमान का व्यक्ति
हज़रत रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फरमाया: لو وضع إيمان أبي بكر على إيمان هذه الأمة (أي: لو وزن إيمانه بإيمانهم) لرجح بها (الكامل لابن عدي ٦/٤٥٧، المقاصد الحسنة، الرقم: ٩٠٨) अगर अबू बकर के ईमान को पूरी उम्मत के ईमान के मुकाबले में तौला जाए तो उनका ईमान …
और पढ़ो »मोहब्बत का बग़ीचा
मुसलमानो की दीनी तरक़्क़ी और इस्लाह की फ़िकर – एक अज़ीम सुन्नत हज़रत अक़दस शाह वलियुल्लाह (अल्लाह उन पर रहम करें) एक बुलंद पाया मशहूर आलिमे दीन और जलीलुल क़दर मुहद्दिष थे. आप शहर “दिल्ही” में रेहते थे. अल्लाह तआला ने आप को और आप के ख़ानदान को दीन की …
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