“जो शख़्स मेरी क़बर के पास खड़ा हो कर मुझ पर दुरूद पढ़ता है में उस को ख़ुद सुनता हुं और जो किसी और जगह दुरूद पढ़ता है तो उस की दुनिया और आख़िरत की ज़रूरतें पूरी की जाती हैं और में क़यामत के दिन उस का गवाह और उस का सिफ़ारिशी होवुंगा”...
और पढ़ो »जन्नत में दाख़िल करने वाले अमल को छोड़ना
عن حسين بن علي رضي الله عنهما قال قال رسول الله صلى الله عليه و سلم... …
कोहे हिरा का खुशी से झूमना
ذات مرة، صعد رسول الله صلى الله عليه وسلم جبل حراء فتحرك (الجبل ورجف)، فقال رسول الله صلى الله عليه …
हररोज रात दिन तीन मर्तबा दुरूद-शरीफ़ पढ़ने का सवाब
عن ابي كاهل رضي الله عنه قال قال لي رسول الله صلى الله عليه وسلم... …
तबूक की लड़ाई के अवसर पर हज़रत अब्दुर्रहमान बिन औफ़ रद़ियल्लाह अन्हु का अपना माल खर्च करना
لما حضّ رسول الله صلى الله عليه وسلم الصحابة رضي الله عنهم على الإنفاق تجهيزا للجيش لغزوة تبوك، أنفق…
अल्लाह की नज़र से गिरने की एक वजह
एक दीनी मद्रसा के एक मशहूर उस्ताद का ज़िक्र करते हुए हज़रत मौलाना मुह़म्मद इल्यास साहिब रह़िमहुल्लाह…
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क़ुर्बानी की सुन्नतें और आदाब
(१) दीने-इस्लाम में क़ुर्बानी एक अज़ीम और मोहतम-बिश-शान इबादत है. चुनांचे क़ुर्आने-करीम में विशेष तौर पर ज़िकर किया गया है. तथा क़ुर्आने-पाक और अहादीसे-मुबारका में उस की बहोत सी फ़ज़ीलतें बयान की गई हैं। अल्लाह सुब्हानहु व तआला का इरशाद हैः لَن يَنَالَ اللَّهَ لُحُومُهَا وَلَا دِمَاؤُهَا وَلَٰكِن يَنَالُهُ التَّقْوَىٰ …
और पढ़ो »रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैही व-सल्लम को दुरूद पहोंचाने वाला फ़रिश्ता
عن عمار بن ياسر رضي الله عنه قال : قال رسول الله صلى الله عليه وسلم : إن لله ملكا أعطاه أسماع الخلائق، فهو قائم على قبري إذا مت، فليس أحد يصلي علي صلاة إلا قال : يا محمد صلى عليك فلان ابن فلان...
और पढ़ो »अम्र बिल मारूफ़ और नही अनिल मुनकर की ज़िम्मे दारी – प्रकरण २
अम्र बिल मारूफ़ और नही अनिल मुनकर करने वालों की महान फ़ज़ीलत और बुलंद मर्तबा दुनिया में हमारा मुशाहदा है के कोई भी मज़हब तथा दीन सिर्फ़ उसी सूरत में बाक़ी रेह सकता है और फैल सकता है, जब उन के लोगों में से कोई जमाअत हो जो उस मज़हब …
और पढ़ो »आधी रात के बाद तरावीह पढ़ने का हुकम
सवाल – क्या हम आधी रात के बाद तरावीह की नमाज़ पढ़ सकते हैं?
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