“नबिए करीम (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) के दौर में औरतों को हिदायत दी गई थी के वह नमाज़ के दौरान अपने अंगो को जितना ज़्यादा हो सके मिला कर रखें.”...
और पढ़ो »इद्दत की सुन्नतें और आदाब – २
शौहर की वफात के बाद बीवी की इद्दत के हुक्म (१) जब किसी औरत के शौहर का इन्तिका़ल हो जाए, तो उस पर …
अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को फ़रिश्तों के ज़रिए दुरूद शरीफ़ के बारे में बताया गया
عن أبي هريرة رضي الله عنه قال: قال رسول الله صلى الله عليه وسلم من صلى علي عند قبري سمعته ومن صلى عل…
रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम के पसंदीदा
سئلت سيدتنا عائشة رضي الله عنها: أي أصحاب رسول الله صلى الله عليه وسلم كان أحب إلى رسول الله؟ قالت: …
सूरह-फलक़ और सूरह-नास की तफ़सीर – प्रस्तावना
قُلْ أَعُوذُ بِرَبِّ الْفَلَقِ ﴿١﴾ مِن شَرِّ مَا خَلَقَ ﴿٢﴾ وَمِن شَرِّ غَاسِقٍ إِذَا وَقَبَ ﴿٣…
हज़रत अबू-‘उबैदा रद़ियल्लाहु अन्हु के लिए जन्नत की बशारत
अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने इर्शाद फ़र्माया: أبو عبيدة في الجنة (أي: هو ممن بشّر بالج…
નવા લેખો
क़यामत की अलामात (संकेत)- दूसरा प्रकरण
उलमाए किराम ने क़यामत की अलामतों को दो हिस्सों में तक़सीम किया हैः बड़ी अलामतें और छोटी अलामतें. छोटी अलामतों में सब से पेहली अलामत नबीए करीम (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) की इस दुनिया से रिहलत (जाना) है और बड़ी अलामतों में सब से पेहली अलामत इमाम महदी (अलै.) का ज़ुहूर (ज़ाहिर होना) है...
और पढ़ो »मोहब्बत का बग़ीचा (बाईसवां प्रकरण)
अहादीषे मुबारका से अच्छी तरह स्पष्ट हो गया के इस्लाम में पड़ोसियों के अधिकार के मुतअल्लिक़ बहोत ज़्यादा महत्तवता दी गई हैं, लिहाज़ा हमें चाहिए के उन के तमाम अधिकार को अदा करने की भरपूर कोशिश करें...
और पढ़ो »अल्लाह की मख़लूक़ के सरताज – हज़रत रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैही व-सल्लम
عن ابن عباس رضي الله عنهما أنه قال: جلس ناس من أصحاب رسول الله صلى الله عليه وسلم فخرج حتى إذا دنا منهم سمعهم يتذاكرون قال بعضهم: إن الله اتخذ إبراهيم خليلا وقال آخر: موسى كلمه الله تكليما وقال آخر: فعيسى كلمة الله وروحه. وقال آخر: آدم اصطفاه الله فخرج …
और पढ़ो »दीन की नींव को मज़बूत करना
हमारे नज़दीक उम्मत की अव्वल ज़रूरत यही है के उन के क़ुलूब (दिलों) में पेहले सहीह इमान की रोशनी पहोंच जाए...
और पढ़ो »