शेखुल-हदीस हज़रत मौलाना मुहम्मद ज़कारिया रहिमहुल्लाह ने एक मर्तबा इर्शाद फ़रमाया: एक बात बहुत ध्यान से सुनो, चाहे उसको वसीयत समझो। आज असर के बाद की मजलिस में (उस में जो किताब सुनाई जाती है) ख़ुल्क़े हसन (अच्छे अखलाक) का बार-बार ज़िक्र आया, मुझे इस बारे में एक नसीहत करनी …
और पढ़ो »जुम्आ के दिन दुरूद शरीफ़ पढ़ने की बरकत से दीनी और दुनयवी ज़रूरतों की तकमील
सुलहे हुदैबियह के मोक़े पर नबिए करीम (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने हज़रत उषमान (रज़ि.) को मक्का मुकर्…
हज़रत बिलाल रद़ियल्लाहु अन्हु – इस्लाम के पहले मुअज़्ज़िन
ذكر العلامة ابن الأثير رحمه الله أن سيدنا بلالا رضي الله عنه كان أول من أذن في الإسلام. وكان يؤذّن ل…
इयादते-मरीज़ की सुन्नतें और आदाब – २
इयादते-मरीज़ के फज़ाइल सत्तर हज़ार फ़रिश्तों की दुआ का हुसूल हज़रत अली रद़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत ह…
दुरूद शरीफ़ ग़ुर्बत दूर करने का ज़रीआ
हज़रत अबु हुरैरह (रज़ि.) से रिवायत है के एक मर्तबा नबीए करीम (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने फ़रमाया के…
हज़रत बिलाल रद़ियल्लाहु अन्हु – हब्शियों में सबसे पहले मुसलमान
عن سيدنا أنس رضي الله عنه أنه قال: قال رسول الله صلى الله عليه وسلم: السباق (أقوامهم إلى الإسلام) أر…
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जन्नत के अधेर उम्र वालों के सरदार
हज़रत रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इर्शाद फ़रमाया: هذان سيدا كهول أهل الجنة من الأولين والآخرين إلا النبيين والمرسلين (سنن الترمذي، الرقم: ٣٦٦٤) ये दोनों सहाबा (हज़रत अबू बक्र और हज़रत उमर रदि अल्लाहु अन्हुमा) जन्नत के तमाम अगले पिछले अधेर उम्र लोगों के सरदार होंगे (वो लोग जो इन …
और पढ़ो »दुवा की सुन्नतें और आदाब – १
दुआ अल्लाह सुब्हानहु व ता’आला की बेशुमार नेमतों और ख़ज़ानों के हुसूल का ज़रिया है। अहादीसे मुबारका में दुआ की बहुत सी फ़ज़ीलतें वारिद हुई हैं। हज़रत रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का इर्शाद है कि दुआ इबादत का मग़ज़ है। दूसरी हदीस शरीफ़ में नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि व …
और पढ़ो »हजरत उमर रदि अल्लाहु अन्हु की महान फजी़लत
पवित्र पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया: لو كان نبي بعدي لكان عمر بن الخطاب अगर मेरे बाद कोई नबी होता, तो वह उमर बिन अल-खत्ताब होते (लेकिन चूँकि मैं खातमुल्-अंबिया हूं; इसलिए मेरे बाद कोई नबी नहीं आएगा)। हजरत उमर रदि अल्लाहु अन्हु की तवाजु़ हज़रत मिस्वर बिन …
और पढ़ो »(१६) जनाज़े से संबंधित मुतफ़र्रिक़ मसाईल
क़बर पर पौदे का ऊगना सवालः- अगर किसी क़बर पर पौदा उग जाऐ, तो क्या हमें उस का काटना ज़रूरी है? जवाबः- अगर क़बर पर पौदा ख़ुद बख़ुद उग जाऐ, तो उस को छोड़ दे. उस को काटने की ज़रूरत नहीं है. [१] क़बर पर पौदा लगाने अथवा टेहनी रखने …
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