अम्र बिल मारूफ़ और नही अनिल मुनकर करने वालों की महान फ़ज़ीलत और बुलंद मर्तबा अम्र बिल मारूफ़ और नही अनिल मुनकर (अच्छे काम का हुकम देना और बुरे काम से रोकना) का फ़रीज़ा दीने इस्लाम में अत्यंत अहम दरजा रखता है. इस ज़िम्मेदारी को इतनी महत्तवता देने की वजह …
और पढ़ो »जन्नत में दाख़िल करने वाले अमल को छोड़ना
عن حسين بن علي رضي الله عنهما قال قال رسول الله صلى الله عليه و سلم... …
कोहे हिरा का खुशी से झूमना
ذات مرة، صعد رسول الله صلى الله عليه وسلم جبل حراء فتحرك (الجبل ورجف)، فقال رسول الله صلى الله عليه …
हररोज रात दिन तीन मर्तबा दुरूद-शरीफ़ पढ़ने का सवाब
عن ابي كاهل رضي الله عنه قال قال لي رسول الله صلى الله عليه وسلم... …
तबूक की लड़ाई के अवसर पर हज़रत अब्दुर्रहमान बिन औफ़ रद़ियल्लाह अन्हु का अपना माल खर्च करना
لما حضّ رسول الله صلى الله عليه وسلم الصحابة رضي الله عنهم على الإنفاق تجهيزا للجيش لغزوة تبوك، أنفق…
अल्लाह की नज़र से गिरने की एक वजह
एक दीनी मद्रसा के एक मशहूर उस्ताद का ज़िक्र करते हुए हज़रत मौलाना मुह़म्मद इल्यास साहिब रह़िमहुल्लाह…
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ख़ुलफ़ाए राशिदीन की विशेष फ़ज़ीलत
हज़रत अनस (रज़ि.) से रिवायत है के रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने इरशाद फ़रमाया के “मेरी उम्मत में सब से ज़्यादा मेरी उम्मत पर रहम करने वाले अबू बकर (रज़ि.) हैं, अल्लाह का हुकम (क़ाईम करने) में सब से ज़्यादा मज़बूत उमर (रज़ि.) हैं, सब से ज़्यादा हया वाले उषमान …
और पढ़ो »निकाह की सुन्नतें और आदाब – १५
रज़ाअत के अहकाम (१) जितने रिश्ते नसब के एतेबार से हराम है वह रिश्ते रज़ाअत (दूघ पिलाने) के एतेबार से भी हराम है यअनी जिन औरतों से नसब की वजह से निकाह करना हराम है, उन औरतों से रज़ाअत (दूघ पिलाने) की वजह से भी निकाह करना हराम है. मिषाल …
और पढ़ो »जनाज़े से संबंधित मुतफ़र्रिक़ मसाईल (१४)
जनाज़ा नमाज़ में नमाज़ी को कहां देखना चाहिए? सवालः- जनाज़ा नमाज़ में निगाह किस जगह होनी चाहिए? जवाबः- जनाज़ा नमाज़ पढ़ने वाले को अपनी निगाह नीची रखनी चाहिए. [१] सुन्नते मुअक्कदह नमाज़ जनाज़ा नमाज़ पर मुक़द्दम सवालः- फ़र्ज़ नमाज़ के बाद अगर जनाज़ा हाज़िर हो, तो क्यु मुसल्ली हज़रात पेहले …
और पढ़ो »सिहत की दौलत
हज़रत मौलाना अशरफ़ अली थानवी (रह.) ने एक मर्तबा इरशाद फ़रमायाः “हक़ तआला के एहसानात लातादाद तथा ला तुहसो (अनगिनत तथा न गिने जानेवाले) हैं. मषलन सिहत एक एसी चीज़ है के तमाम सलतनत उस के बराबर नहीं. अगर किसी बादशाह को मरज़ (बीमारी) लाहिक़ हो जाए और तमाम सलतनत …
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