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सहाबए किराम (रज़ि.) का इमान सफ़लता का स्तर ‎

अल्लाह तआला ने क़ुर्आने मजीद में सहाबए किराम (रज़ि.) की प्रशंसा की है और उन के इमान को उम्मत के लिए हिदायत और सफ़लता का स्तर क़रार दिया है. अल्लाह तआला का इरशाद हैः तो अगर वह (लोग) भी इसी तरह इमान ले आऐं जैसे तुम इमान लाए हो, तो …

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निकाह की सुन्नतें और आदाब – १६

हुरमते मुसाहरत (१) अगर कोई औरत किसी मर्द को शहवत (वासना) के साथ हाथ लगाए, तो हुरमते मुसाहरत दोनों के दरमियान षाबित हो जाएगी. जब हुरमते मुसाहरत दोनों के दरमियान षाबित हो जाएगी, तो उस मर्द के लिए उस औरत की मां और औरत की दादी (और दादी की मां …

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मोहब्बत का बग़ीचा (सताईसवां प्रकरण)‎

بسم الله الرحمن الرحيم बच्चे को अल्लाह तआला का परिचय कराना बच्चे की तरबियत अत्यंत अहम है. बच्चे की तरबियत की मिषाल इमारत की बुनियाद की तरह है. अगर इमारत की बुनियाद मज़बूत और पुख़्ता हो, तो इमारत भी मज़बूत और पुख़्ता रहेगी और हर तरह के हालात बरदाश्त करेगी. …

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सूरतुल काफ़िरून की तफ़सीर

आप (ए मोहम्मद (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम)) केह दीजिए के ए काफ़िरो (१) न में तुम्हारे माबूदों की परसतिश करता हुं (२) और न तुम मेरे माबूद की परसतिश करते हो (३)...

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अल्लाह तआला की तरफ़ से सहाबए किराम (रज़ि.) के लिए अपनी ‎दाईमी रज़ामंदी का एलान ‎

अल्लाह तआला ने क़ुर्आन मजीद में इरशाद फ़रमायाः अल्लाह तआला उन से (सहाबए किराम (रज़ि.) से) राज़ी हैं और वह (सहाबए किराम (रज़ि.)) उन से (अल्लाह तआला से) राज़ी हैं. (सुरए तौबा, १००) हज़रत उषमान (रज़ि.) की मुहब्बत हुज़ूर (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) के लिए  सुलहे हुदैबियह के मोक़े पर जब …

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