हज़रत मौलाना मुहमंद इल्यास साहब (रह.) ने एक मर्तबा इरशाद फ़रमायाः मशवरा बहुत बड़ी चीज़ है, अल्लाह का वादा है कि जब तुम मशवरा के लिए अल्लाह पर भरोसा करके जम के बैठोगे तो उठने से पहले तुमको सीधे रास्ते की तौफीक मिल जाएगी। (मलफ़ूज़ात हज़रत मौलाना मुहमंद इल्यास साहब …
और पढ़ो »मरीज़ की इयादत की सुन्नतें और आदाब – १
मरीज से इयादत दीने-इस्लाम इस बात का हुक्म देता है कि इन्सान अल्लाह तआला के हुकूक और उसके बंदों के हु…
रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम का मुबारक नाम सुन कर दुरूद पढ़ने का षवाब
हज़रत अनस बिन मालिक (रज़ि.) से मरवी है के रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने इरशाद फ़रमाया के “…
हज़रत सईद बिन-ज़ैद रद़ियल्लाहु अन्हु का बुलंद मक़ाम
قال سعيد بن جبير رحمه الله: كان مقام أبي بكر وعمر وعثمان وعليّ وسعد وسعيد وطلحة والزّبير وعبد الرّحم…
हज़रत उस्मान रद़ियल्लाहु अन्हु की शहादत पर हज़रत सईद बिन-ज़ैद रद़ियल्लाहु अन्हु का हुज़्न-व-ग़म
بعدما قتل البغاةُ سيدنا عثمان رضي الله عنه في المدينة المنورة، خاطب سيدنا سعيد بن زيد -وكان في الكوف…
ख़ैर तलब करना
उहद की लड़ाई में हुज़ूरे अक़दस (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने दरयाफ़्त फ़रमाया के सअद बिन रबीअ (रज़ि.)…
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मुहर्रम और आशूरा की सुन्नतें और आदाब
मुहर्रम और आशूरा अल्लाह तआला का निज़ाम (प्रणाली) है के उनहोंने कुछ चीज़ों को कुछ चीज़ों पर विशेष फ़ज़ीलत और ऎहमीयत (महत्वता) दी है. चुनांचे ईन्सानों में से अम्बीयाए किराम अलयहिमुस्सलातु वस्सलाम को दीगर लोगों पर ख़ास फ़वक़ियत (प्राथमिकता) और फ़ज़ीलत दी गई है. दुन्या के दीगर हिस्सों के बनिस्बत …
और पढ़ो »नए इस्लामी साल की दुआ
सवाल – नये इस्लामी साल या नये इस्लामी महीने की कोई दुआ हदीस से साबित है या नहीं? बहोत से लोग ख़ास तौर पर उस दिन एक दूसरे को दुआएं भेजते हैं. उस की क्या हक़ीक़त है?
और पढ़ो »ज़िल हिज्जह की सुन्नतें और आदाब
(१) ज़िल हिज्जह के पेहले दस दिनों में ख़ूब इबादत करें. इन दस दिनों में इबादत करने की बहोत ज़्यादा फ़ज़ीलतें वारिद हुई हैं. हज़रत अब्दुल्लाह बिन अब्बास रदी अल्लाहु अन्हु से रिवायत है के नबिए करीम सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया के “जो भी नेक अमल साल के …
और पढ़ो »हजरत उमर रदि अल्लाहु अनहु का खुले तौर पर हक़ बात केहना
एक बार, हजरत उमर रदि अल्लाहु अनहु के लिए खास दुआ करते हुए, नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फरमाया: رحم الله عمر، يقول الحق (بكل صراحة) وإن كان مرا (للناس)، تركه الحق وما له صديق (يراعيه عند قول الحق) (سنن الترمذي، الرقم: ٣٧١٤) अल्लाह उमर पर रहम करे! वह …
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