بسم الله الرحمن الرحيم हज़रत शैख़ अब्दुल क़ादिर जीलानी (रह.) की बुज़ुर्गी और सच्चाई का क़िस्सा हज़रत शैख़ अब्दुल क़ादिर जीलानी (रह.) छठ्ठी सदी हीजरी के जलीलुल क़दर उलमा अने उच्च तरीन बुज़ुर्गाने दीन में से थे. अल्लाह तआला ने आप को बे पनाह मक़बूलियत अता फ़रमाई थी जिस की …
और पढ़ो »रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम की मुबारक ज़िन्दगी में फ़तवा देने का शर्फ़
كان سيدنا عبد الرحمن بن عوف رضي الله عنه من الصحابة الكرام الذين شرفهم الله بالإفتاء على عهد رسول ال…
दुआ की सुन्नतें और आदाब – ७
(१७) बेहतर यह है कि जामे’ दुआ करें। हज़रत आयशा रज़ियल्लाहु अन्हा फ़रमाती हैं कि हज़रत रसूलुल्ल…
जन्नत में दाख़िल करने वाले अमल को छोड़ना
عن حسين بن علي رضي الله عنهما قال قال رسول الله صلى الله عليه و سلم... …
कोहे हिरा का खुशी से झूमना
ذات مرة، صعد رسول الله صلى الله عليه وسلم جبل حراء فتحرك (الجبل ورجف)، فقال رسول الله صلى الله عليه …
हररोज रात दिन तीन मर्तबा दुरूद-शरीफ़ पढ़ने का सवाब
عن ابي كاهل رضي الله عنه قال قال لي رسول الله صلى الله عليه وسلم... …
નવા લેખો
पूरी उम्मत पर सहाबए किराम (रज़ि.) की फ़ज़ीलत
हज़रत अबु सईद ख़ुदरी (रज़ि.) से रिवायत है के नबी (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने फ़रमाया के “मेरे सहाबा को गालियां न दिया करो ! क़सम है उस ज़ात की जिस के क़बज़े में मेरी जान है, अगर तुम में से कोई शख़्स उहद पहाड़ के बराबर सोना ख़र्च करे, तो …
और पढ़ो »मोहब्बत का बग़ीचा (उनतीसवां प्रकरण)
بسم الله الرحمن الرحيم वालिदैन का अपनी औलाद के लिए अमली नमूना नबिए करीम (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) अल्लाह तआला की तमाम मख़लूक़ में से सब से अफ़ज़ल और बरतर थे. अल्लाह तआला ने आप को अपना आख़री रसूल बना कर भेजा और आप को सब से बेहतरीन दीन, दीने इस्लाम …
और पढ़ो »कुफ़र तमाम रज़ीला (घटिया) अख़लाक़ की जड़ है
हज़रत मौलाना अशरफ़ अली थानवी (रह.) ने एक मर्तबा इरशाद फ़रमायाः “कुफ़र जड़ है तमाम अख़लाक़े रज़ीला (घटिया अख़लाक़) की और इस्लाम जड़ है तमाम अख़लाक़े हमीदा (अच्छे अख़लाक़) की, इस लिए कुफ़र के होते हुए इत्तिफ़ाक़ होना (सहमत होना) अत्यंत अजीब (ताज्जुब) है और इस्लाम के होते हुए ना …
और पढ़ो »क़ुर्आने करीम में सहाबए किराम (रज़ि.) की तारीफ़ तथा प्रशंसा
रसूलुल्लाह(सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) की ख़बर गीरी के लिए एक अन्सारी महिला की बैचेनी उहद की लऱाई में मुसलमानों को तकलीफ़ भी बोहत पहुंची और शहीद भी बोहत हुए. मदीना तय्यीबा में यह वहशत अषर ख़बर पहुंची तो औरतें परेशान होकर हाल की स्थिति की जांच के लिए घर से निकल …
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