हज़रत रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया: وأصدقهم (أمتي) حياء عثمان (سنن الترمذي، الرقم: ٣٧٩١) मेरी उम्मत में सबसे ज्यादा हया-दार शख्स उस्मान बिन अफ्फान हैं। हज़रत उस्मान रदि अल्लाहु अन्हु की हया हज़रत आयशा रदि अल्लाहु अन्हा फ़रमाती हैं: एक दफा नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम मेरे …
और पढ़ो »हज़रत उम्मे-सलमह रद़ियल्लाहु अन्हा की हज़रत सईद बिन-ज़ैद रद़ियल्लाहु अन्हु को अपनी नमाज़े-जनाज़ा पढ़ाने की वसीयत
أوصت أم المؤمنين السيدة أم سلمة رضي الله عنها أن يصلي عليها سعيد بن زيد رضي الله عنه (مصنف ابن أبي ش…
तजीयत की सुन्नतें और आदाब – 1
मुसीबतज़दा लोगों के साथ ताज़ियत (संवेदना व्यक्त करना) इस्लाम एक सम्पूर्ण और व्यापक जीवन-प्रणाली है। …
एक दुरूद के बदले सत्तर इनाम
عن عبد الرحمن بن مريح الخولاني قال سمعت أبا قيس مولى عمرو بن العاصي يقول: سمعت عبد الله بن عمرو يقول…
अल्लाह त’आला की बेपनाह रहमतें
عن ابن عمر وأبي هريرة رضي الله عنهم قالا قال رسول الله صلى الله عليه وسلم صلوا علي صلى الله عليكم...…
मस्जिद के काम
हज़रत मौलाना मुहम्मद इल्यास साहब (रह़िमहुल्लाह) ने एक मर्तबा इर्शाद फ़रमाया: मस्जिदें, मस्जिदे-नबवी …
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इत्तिबा’-ए-सुन्नत का एहतिमाम- ५
हज़रत शेखुल-हिन्द मौलाना महमूदुल-हसन देवबंदी रहिमहुल्लाह हज़रत शेखुल-हिन्द मौलाना महमूदुल-हसन देवबंदी रहिमहुल्लाह हिन्दुस्तान के एक जलीलुल-क़द्र आलिमे दीन थे। उन की विलादत (पैदाइश) सन हिजरी १२६८ में (सन इस्वी १८५१) हुई। उन का सिलसिला-ए-नसब (खानदानी सिलसिला) हज़रत उस्मान रदि अल्लाहु अन्हु तक पहुंचता है और वो दारुल उलूम देवबंद के …
और पढ़ो »नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के दिल में हज़रत उस्मान रदि अल्लाहु अन्हु की बेपनाह मोहब्बत
हज़रत अली रदि अल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि उन्होंने रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को फ़रमाते हुए सुना: لو أن لي أربعين بنتا زوّجت عثمان واحدة بعد واحدة، حتى لا يبقى منهن واحدة (أي بعد وفاة واحدة، لزوّجته أخرى حتى لا تبقى واحدة منهن) (أسد الغابة ٣/٢١٦) अगर मेरी चालीस …
और पढ़ो »तलाक की सुन्नतैं और आदाब – ६
खुला अगर मियां बीवी के दरम्यान सुलह मुमकिन न हो और शौहर तलाक देने से इनकार करे, तो बीवी के लिए जायज़ है कि वह शौहर को कुछ माल या अपना महर दे दे और उसके बदले तलाक ले ले। अगर शौहर ने अभी तक महर अदा नहीं किया है, …
और पढ़ो »अपनी शरीके हयात (बीवी) के साथ हिजरत करने वाला पेहला शख्स
हज़रत रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलयही वसल्लम ने एरशाद फरमाया: إن عثمان لأول من هاجر إلى الله بأهله بعد لوط बेशक उसमान पेहले शख्स है जिन्होंने अपनी बीवी के साथ अल्लाह तआला के रास्ते हिजरत की नबी इब्राहीम और नबी लूत अलैहिमुस्सलाम के बाद। પત્ની સાથે સ્થળાંતર કરનાર પ્રથમ મુસ્લિમ હઝરત અનસ …
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