मरीज से इयादत दीने-इस्लाम इस बात का हुक्म देता है कि इन्सान अल्लाह तआला के हुकूक और उसके बंदों के हुकूक को पूरा करे। बंदों के जो हुकूक इन्सान पर लाज़िम हैं, उनकी दो किस्म हैं: पहली किस्म = जो हर एक पर इन्फिरादी तौर पर लाज़िम हैं। उदाहरण के …
और पढ़ो »इयादते-मरीज़ की सुन्नतें और आदाब – २
इयादते-मरीज़ के फज़ाइल सत्तर हज़ार फ़रिश्तों की दुआ का हुसूल हज़रत अली रद़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत ह…
दुरूद शरीफ़ ग़ुर्बत दूर करने का ज़रीआ
हज़रत अबु हुरैरह (रज़ि.) से रिवायत है के एक मर्तबा नबीए करीम (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने फ़रमाया के…
हज़रत बिलाल रद़ियल्लाहु अन्हु – हब्शियों में सबसे पहले मुसलमान
عن سيدنا أنس رضي الله عنه أنه قال: قال رسول الله صلى الله عليه وسلم: السباق (أقوامهم إلى الإسلام) أر…
एक मोमिन की ज़िंदगी पर नमाज़ का बड़ा असर
हज़रत मौलाना मुहम्मद इल्यास साहिब रह़िमहुल्लाह ने एक मर्तबा इर्शाद फरमाया: हमारे नज़दीक इस्लाह की तर…
सो (१००) हाजतो का पूरा करना
हजीर जाबिर (रज़ि.) से रिवायत है के रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने इरशाद फ़रमाया के “जो व्यक…
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सजदे में दुआ करना
सवाल: सुन्नत और फ़र्ज़ नमाज़ों के सजदे में कौन सी दुआएं पढ़ सकता हूं? और, क्या नफ़्ल नमाज़ के सजदे में अंग्रेज़ी में दुआ मांग सकता हूं? जवाब: १. सुन्नत और फ़र्ज़ नमाज़ों के सजदे में आप वो तमाम दुआएं जो क़ुरान और हदीस में पाई जाती है अरबी ज़बान …
और पढ़ो »रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम का मुबारक नाम सुन कर दुरूद पढ़ने का षवाब
हज़रत अनस बिन मालिक (रज़ि.) से मरवी है के रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने इरशाद फ़रमाया के “जिस व्यक्ति के सामने मेरा वर्णन किया जाए, उस को मुझ पर दुरूद भेजना चाहिए, इसलिए के जो मुझ पर एक बार दुरूद भेजता है, अल्लाह तआला उस पर दस बार दुरूद (रहमतें) भेजते हैं.”...
और पढ़ो »हज़रत सईद बिन-ज़ैद रद़ियल्लाहु अन्हु का बुलंद मक़ाम
قال سعيد بن جبير رحمه الله: كان مقام أبي بكر وعمر وعثمان وعليّ وسعد وسعيد وطلحة والزّبير وعبد الرّحمن بن عوف رضي الله عنهم مع النّبي صلّى اللَّه عليه وسلم واحدًا، كانوا أمامه في القتال (يدافعون عنه صلى الله عليه وسلم ويحفظونه)، وخلفه (مباشرة) في الصلاة (أي: في الصف المتقدم) (الإصابة ٣/٨٧) …
और पढ़ो »फज़ाइले-सदकात – २७
हब्शी गुलाम और सखावत हज़रत अब्दुल्लाह बिन-जाफ़र रद़ियल्लाहु ‘अन्हुमा एक मर्तबा मदीना-मुनव्वरह के एक बाग़ पर गुज़रे, उस बाग में हब्शी गुलाम बाग़ का रखवाली था, वह रोटी खा रहा था और एक कुत्ता उसके सामने बैठा हुआ था। जब वह एक लुक़्मा बना कर अपने मुंह में रखता तो …
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