हज़रत अब्दुल्लाह बिन जाफर रद़ियल्लाहु अन्हु की सखावत एक शख़्स ने हज़रत अब्दुल्लाह बिन जाफर रद़ियल्लाहु अन्हु की ख़िदमत में हाज़िर होकर दो शे’र पढ़े, जिनका मतलब यह है कि: एहसान और हुस्ने-सुलूक उस वक़्त एहसान है जबकि वह उसके अहल और काबिल लोगों पर किया जाये। नालायकों पर एहसान …
और पढ़ो »सूरह फ़लक की तफ़सीर
قُلْ أَعُوذُ بِرَبِّ الْفَلَقِ ﴿١﴾ مِن شَرِّ مَا خَلَقَ ﴿٢﴾ وَمِن شَرِّ غَاسِقٍ إِذَا وَقَبَ ﴿٣…
हज़रत सईद बिन-ज़ैद रद़ियल्लाहु अन्हु का इस्लाम के खातिर तक्लीफें बर्दाश्त करना
خاطب سيدنا سعيد بن زيد رضي الله عنه الناس يوما فقال للقوم: لو رأيتني موثقي عمر (أي: وإن عمر لموثقي) …
कोहे हिरा का खुशी से झूमना
ذات مرة، صعد رسول الله صلى الله عليه وسلم جبل حراء فتحرك (الجبل ورجف)، فقال رسول الله صلى الله عليه …
दुरूद-शरीफ़ पढ़ने वाले के लिये नबी सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम की सिफारिश
عن أبي هريرة عن النبي صلى الله عليه وسلم قال من قال اللهم صل على محمد وعلى آل محمد كما صليت على إبرا…
हज़रत सईद बिन ज़ैद (रद़ियल्लाहु अन्हु) के लिए जन्नत की खुशखबरी
एक मर्तबा रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम) हज़रत सईद बिन ज़ैद (रद़ियल्लाहु अन्हु) के बारे में इ…
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दुआ की सुन्नतें और आदाब – ७
(१७) बेहतर यह है कि जामे’ दुआ करें। हज़रत आयशा रज़ियल्लाहु अन्हा फ़रमाती हैं कि हज़रत रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम जामे’ दुआ पसंद फ़रमाते थे और गैर-जामे’ दुआ छोड़ देते थे। नीचे कुछ मसनून दुआ नकल की जा रहे हैं जो मुख़्तलिफ़ अह़ादीसे-मुबारका में वारिद हुई हैं और जामे’ हैं: …
और पढ़ो »मद्रेसे के माल में एहतियात
शेखुल-हदीस हज़रत मौलाना मुह़म्मद ज़करिय्या रह़िमहुल्लाह ने एक मर्तबा इर्शाद फ़रमाया: एक बात सुन लो! बड़े हज़रत रायपुरी रह़मतुल्लाहि ‘अलैह फ़रमाया करते थे कि मुझे जितनी मद्रेसे की सरपरस्ती (ट्रस्टी बनने) से डर लगता है, उतना किसी चीज़ से नहीं लगता। कोई आदमी किसी के यहां मुलाज़िम (नौकर) हो, कोताही …
और पढ़ो »अल्लाह त’आला की रहमत का धांप लेना
عن أنس رضي الله عنه عن النبي صلى الله عليه وسلم قال: إن لله سيارة من الملائكة يطلبون حلق الذكر فإذا أتوا عليهم حفوا بهم ثم بعثوا رائدهم إلى السماء إلى رب العزة تبارك وتعالى فيقولون...
और पढ़ो »टॉयलेट-बाथरूम के अंदर अख़बारात वग़ैरह पढ़ना
सवाल – क्या टॉयलेट-बाथरूम के अंदर, अपनी ज़रूरत को पूरा करने के दौरान अख़बारात, रीसाले वग़ैरह पढ़ना या फ़ोन और इंटरनेट वग़ैरह का इस्तेमाल करना दुरुस्त है? जवाब – टॉयलेट-बाथरूम क़ज़ाऐ-हाजत के लिए है, इस में फ़ोन वग़ैरह का इस्तेमाल करना या अख़बारात वग़ैरह का पढना मुनासिब नहीं है। अल्लाह …
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