शेखुल-हदीस हजरत मौलाना मुह़म्मद ज़करिया रहिमहुल्लाह ने एक मर्तबा इरशाद फ़रमाया: मेरे प्यारो! एक बहुत ही ज़रूरी और अहम बात कहना चाहता रहा; मगर अब तक न केह सका. तुम उलमा ए किराम हो, मुदर्रिस हो, बहुत से मदरसों के नाज़िम भी होंगे, ये मदारिस तुम्हारी बरकत से चल रहे …
और पढ़ो »मरीज़ की इयादत की सुन्नतें और आदाब – १
मरीज से इयादत दीने-इस्लाम इस बात का हुक्म देता है कि इन्सान अल्लाह तआला के हुकूक और उसके बंदों के हु…
रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम का मुबारक नाम सुन कर दुरूद पढ़ने का षवाब
हज़रत अनस बिन मालिक (रज़ि.) से मरवी है के रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने इरशाद फ़रमाया के “…
हज़रत सईद बिन-ज़ैद रद़ियल्लाहु अन्हु का बुलंद मक़ाम
قال سعيد بن جبير رحمه الله: كان مقام أبي بكر وعمر وعثمان وعليّ وسعد وسعيد وطلحة والزّبير وعبد الرّحم…
हज़रत उस्मान रद़ियल्लाहु अन्हु की शहादत पर हज़रत सईद बिन-ज़ैद रद़ियल्लाहु अन्हु का हुज़्न-व-ग़म
بعدما قتل البغاةُ سيدنا عثمان رضي الله عنه في المدينة المنورة، خاطب سيدنا سعيد بن زيد -وكان في الكوف…
ख़ैर तलब करना
उहद की लड़ाई में हुज़ूरे अक़दस (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने दरयाफ़्त फ़रमाया के सअद बिन रबीअ (रज़ि.)…
નવા લેખો
उम्मते मुह़म्मदिया के सबसे बेहतरीन क़ाज़ी
नबी ए करीम सल्लल्लाहु ‘अलैहि वसल्लम ने हज़रत ‘अली रदि अल्लाहु ‘अन्हु के बारे में फ़रमाया: أقضاهم علي بن أبي طالب (أي: أعرفهم بالقضاء) (سنن ابن ماجة، الرقم: ١٥٤) मेरी उम्मत में सबसे बेहतरीन क़ाज़ी ‘अली बिन अबी तालिब हैं। हज़रत अली रदि अल्लाहु ‘अन्हु के दिल में नबी ए …
और पढ़ो »(१७) जनाज़े से मुतफ़र्रिक़ मसाईल
कबर पर फुल चढ़ाने का हुकम सवाल: शरीयत में फुल चढ़ाना कैसा है? जवाब: कबर पर फुल चढ़ाना एक ऐसा अमल है, जिस का शरीअत में कोई सुबूत नहीं है; इसलिए उस से किनारा करना (बचना) ज़रुरी है। मय्यत के जिस्म से अलग हो जाने वाले आ’ज़ा (शरीर के अंग …
और पढ़ो »हज़रत अली रदि अल्लाहु ‘अन्हु के लिए नबी ए करीम सल्लल्लाहु ‘अलैहि वसल्लम की दुआ
हज़रत रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु ‘अलैहि वसल्लम ने अपना मुबारक हाथ हज़रत अली रदि अल्लाहु ‘अन्हु के सीने पर रखा और उनके लिए यह दुआ फ़रमाई: اللهم ثبت لسانه (على النطق بالصواب) واهد قلبه (إلى الحق) (مسند أحمد، الرقم: ٨٨٢) हे अल्लाह! उनकी जबान को (हक़ बात कहने में) साबित रखिये और …
और पढ़ो »क़यामत की अलामात- चोथी कि़स्त
क़यामत की दस बड़ी निशानियां जिस तरह क़यामत की छोटी-छोटी निशानियाँ मुबारक हदीसों में बयान की गई हैं, इसी तरह क़यामत की बड़ी निशानियाँ भी मुबारक हदीसों में बयान की गई हैं। क़यामत की बड़ी निशानियों से मुराद वह अहम (महत्वपूर्ण) वाक़िआत हैं जो क़यामत से पहले इस दुनिया में …
और पढ़ो »
Alislaam.com – اردو हिन्दी ગુજરાતી