अम्र बिल मारूफ़ और नही अनिल मुनकर का फ़रीज़ा किस की ज़िम्मेदारी है? अम्र बिल मारूफ़ और नही अनिल मुनकर दीन का एक अहम फ़रीज़ा है. यह फ़रीज़ा उम्मत के हर फ़र्द की ज़िम्मे पर है, अलबत्ता हर फ़र्द इस फ़रीज़े को अपने इल्म और सहनशिलता के अनुसार अन्जाम देगा. …
और पढ़ो »हज़रत तल्हा रज़ियल्लाहु अन्हु के लिए जन्नत की बशारत
रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने इर्शाद फ़रमाया: عبد الرحمن في الجنة (أي: هو ممن بشّر بالجنة ف…
फ़रिश्तों की मुसलसल दुआ
عَن عَامِر بن رَبِيَعَة رَضِي اللهُ عَنهُ عَن النّبي صَلَّى اللهُ عَلَيهِ وَ سَلَّمَ قَالَ مَا مِن م…
दुरूद लिखने वाले फ़रिश्ते
عن عقبة بن عامر رضي الله عنه قال : قال رسول الله صلى الله عليه وسلم : إن للمساجد أوتادا جلساؤهم المل…
हज़रत अब्दुर्रहमान बिन औफ़ रज़ियल्लाह अन्हु एक बेहतरीन मुसलमान
नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने हज़रत अब्दुर्रहमान बिन औफ़ रज़ियल्लाह अन्हु के बारे में फ़रमा…
अज़ान के बाद दुरूद-शरीफ़ पढ़ना
عن عبد الله بن عمرو بن العاص رضي الله عنهما أنه سمع النبي صلى الله عليه وسلم يقول: إذا سمعتم المؤذن …
નવા લેખો
सुरए नसर की तफ़सीर
(ए मोहम्मद सल्लल्लाहु अलयहि वसललम) जब अल्लाह की मदद और फतह (फ़तहे मक्का) आ जाए (१) और आप लोगों को देख लें के वज जोक़ दर जोक़ अल्लाह के दीन में दाख़िल हो रहे हैं (२) तो आप अपने परवरदिगार की तस्बीह तथा तहमीद किजीए और उस से मग़फ़िरत तलब किजीए. बेशक वह बहोत माफ़ करने वाला है (३)...
और पढ़ो »उम्मत में सब से बेहतरीन लोग
हज़रत रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने इरशाद फ़रमाय के “मेरी उम्मत में सब से बेहतरीन लोग मेरे ज़माने के लोग हैं (सहाबए किराम रज़ि.) फिर वह लोग जो उन के बाद हैं (ताबिईन इज़ाम रह.) फिर वह लोग जो उन के बाद हैं (तबे ताबिईन रह.).” (सहीहल बुख़ारी, रक़म नं-३६५०) …
और पढ़ो »दूसरों के सुधार की चिंता से ज्यादा महत्वपूर्ण आत्म-सुधार की चिंता है
हज़रत मौलाना अशरफ़ अली थानवी (रह.) ने एक मर्तबा इरशाद फ़रमायाः “बड़ी ज़रूरत इस की है के हर व्यक्ति अपनी फ़िकर में लगे और अपने आमाल की इस्लाह करे. आज कल यह मरज़ आाम हो गया है अवाम में भी ख़वास में भी के दूसरों की तो इस्लाह की फ़िकर …
और पढ़ो »इत्तेबाए सुन्नत का प्रबंध – ४
जुमहूर उम्मत के रास्ते पर चलना और शाज़ अक़वाल से बचवु नबिए करीम (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने इस बात की भविष्य वाणी फ़रमाई है के एक एसा ज़माना आएगा, जब लोग फ़ितनों और आज़माईशों में मुबतला होंगे. नीज़ उस ज़माने में बहोत से लोग किताबो सुन्नत के ख़िलाफ़ नई …
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