નવા લેખો

हज़रत अली रदि अल्लाहु ‘अन्हु के लिए नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की दुआ

नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने एक मर्तबा हज़रत अली रदि अल्लाहु ‘अन्हु के लिए यह दुआ फ़रमाई: اللّٰهُمَّ أَدِرِ الْحَقَّ مَعَهُ حَيْثُ دَارَ (جامع الترمذي، الرقم: ٣٧١٤) ऐ अल्लाह! हक़ को उनके साथ फेर दें, जिधर वो फिरें। हजरत अली रदि अल्लाहु ‘अन्हु की बहादुरी गज़व ए उहुद …

और पढ़ो »

दीनी इदारों की तौहीन करने से परहेज़ करें

शेखुल-हदीस हजरत मौलाना मुह़म्मद ज़करिया रहिमहुल्लाह ने एक मर्तबा इरशाद फ़रमाया: मेरे प्यारो! एक बहुत ही ज़रूरी और अहम बात कहना चाहता रहा; मगर अब तक न केह सका. तुम उलमा ए किराम हो, मुदर्रिस हो, बहुत से मदरसों के नाज़िम भी होंगे, ये मदारिस तुम्हारी बरकत से चल रहे …

और पढ़ो »

उम्मते मुह़म्मदिया के सबसे बेहतरीन क़ाज़ी

नबी ए करीम सल्लल्लाहु ‘अलैहि वसल्लम ने हज़रत ‘अली रदि अल्लाहु ‘अन्हु के बारे में फ़रमाया: أقضاهم علي بن أبي طالب (أي: أعرفهم بالقضاء) (سنن ابن ماجة، الرقم: ١٥٤) मेरी उम्मत में सबसे बेहतरीन क़ाज़ी ‘अली बिन अबी तालिब हैं। हज़रत अली रदि अल्लाहु ‘अन्हु के दिल में नबी ए …

और पढ़ो »

(१७) जनाज़े से मुतफ़र्रिक़ मसाईल

कबर पर फुल चढ़ाने का हुकम सवाल: शरीयत में फुल चढ़ाना कैसा है? जवाब: कबर पर फुल चढ़ाना एक ऐसा अमल है, जिस का शरीअत में कोई सुबूत नहीं है; इसलिए उस से किनारा करना (बचना) ज़रुरी है। मय्यत के जिस्म से अलग हो जाने वाले आ’ज़ा (शरीर के अंग …

और पढ़ो »

हज़रत अली रदि अल्लाहु ‘अन्हु के लिए नबी ए करीम सल्लल्लाहु ‘अलैहि वसल्लम की दुआ

हज़रत रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु ‘अलैहि वसल्लम ने अपना मुबारक हाथ हज़रत अली रदि अल्लाहु ‘अन्हु के सीने पर रखा और उनके लिए यह दुआ फ़रमाई: اللهم ثبت لسانه (على النطق بالصواب) واهد قلبه (إلى الحق) (مسند أحمد، الرقم: ٨٨٢) हे अल्लाह! उनकी जबान को (हक़ बात कहने में) साबित रखिये और …

और पढ़ो »