નવા લેખો

क़ुर्बानी की सुन्नतें और आदाब

(१) दिने इस्लाम में क़ुर्बानी एक अज़ीम और ‘अज़ीमुश्शान इबादत है. चुनांचे क़ुर्आने करीम में खास तौर पर ज़िकर किया गया है. तथा क़ुर्आने पाक और अहादीषे मुबारका में उस की बहोत सी फ़ज़ीलतें बयान की गई हैं. अल्लाह सुब्हानहु व त’आला का इरशाद हैः لَن يَنَالَ اللَّهَ لُحُومُهَا وَلَا …

और पढ़ो »

रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैही व-सल्लम को दुरूद पहोंचाने वाला फ़रिश्ता

عن عمار بن ياسر رضي الله عنه قال : قال رسول الله صلى الله عليه وسلم : إن لله ملكا أعطاه أسماع الخلائق، فهو قائم على قبري إذا مت، فليس أحد يصلي علي صلاة إلا قال : يا محمد صلى عليك فلان ابن فلان...

और पढ़ो »

अम्र बिल मारूफ़ और नही अनिल मुनकर की ज़िम्मे दारी – प्रकरण २

अम्र बिल मारूफ़ और नही अनिल मुनकर करने वालों की महान फ़ज़ीलत और बुलंद मर्तबा  दुनिया में हमारा मुशाहदा है के कोई भी मज़हब तथा दीन सिर्फ़ उसी सूरत में बाक़ी रेह सकता है और फैल सकता है, जब उन के लोगों में से कोई जमाअत हो जो उस मज़हब …

और पढ़ो »

तजवीद के क़वाईद की रिआयत के साथ क़ुर्आने करीम पढ़ना

सवाल – क्या तरावीह की नमाज़ में क़ुर्आन की तिलावत को तजवीद के साथ पढ़ना ज़रूरी है? बसा अवक़ात जलदी पढ़ने की वजह से तिलावत तजवीद के साथ नहीं होती है?

और पढ़ो »