रसूले करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने सहाबा ए किराम रदी अल्लाहु अन्हुम को मुखातब करते हुए फ़रमाया: إني لا أدري ما بقائي فيكم فاقتدوا باللذين من بعدي وأشار إلى أبي بكر وعمر (سنن الترمذی، الرقم: 3663) मुझे मालूम नहीं कि मैं कितने दिन आप लोगों के दरम्यान रहूंगा, इसलिए …
और पढ़ो »हज़रत तल्हा रज़ियल्लाहु अन्हु के लिए जन्नत की बशारत
रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने इर्शाद फ़रमाया: عبد الرحمن في الجنة (أي: هو ممن بشّر بالجنة ف…
फ़रिश्तों की मुसलसल दुआ
عَن عَامِر بن رَبِيَعَة رَضِي اللهُ عَنهُ عَن النّبي صَلَّى اللهُ عَلَيهِ وَ سَلَّمَ قَالَ مَا مِن م…
दुरूद लिखने वाले फ़रिश्ते
عن عقبة بن عامر رضي الله عنه قال : قال رسول الله صلى الله عليه وسلم : إن للمساجد أوتادا جلساؤهم المل…
हज़रत अब्दुर्रहमान बिन औफ़ रज़ियल्लाह अन्हु एक बेहतरीन मुसलमान
नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने हज़रत अब्दुर्रहमान बिन औफ़ रज़ियल्लाह अन्हु के बारे में फ़रमा…
अज़ान के बाद दुरूद-शरीफ़ पढ़ना
عن عبد الله بن عمرو بن العاص رضي الله عنهما أنه سمع النبي صلى الله عليه وسلم يقول: إذا سمعتم المؤذن …
નવા લેખો
नमाज़ में इमामत का सबसे ज़्यादा हकदार
नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया: لا ينبغي لقوم فيهم أبو بكر أن يؤمهم غيره (سنن الترمذي، الرقم: ٣٦٧٣) जिस मज्मा’ में अबू बकर रदी अल्लाहु अन्हु मौजूद हों, वहां अबू बकर के अलावा किसी और के लिए मुनासिब नहीं है कि वह नमाज़ में लोगों की …
और पढ़ो »नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम के नजदीक सब से ज्यादा महबूब
سئل سيدنا رسول الله صلى الله عليه وسلم مرة فقيل: يا رسول الله، أي الناس أحب إليك؟ قال: عائشة، قيل: من الرجال؟ قال: أبوها (سنن ابن ماجة، الرقم: ١٠١) एक मर्तबा नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से सवाल किया गया: ऐ अल्लाह के रसूल! लोगों में आप को …
और पढ़ो »अल्लाह ताला हजरत अबू बकर रदि अल्लाहु अन्हु को कयामत के दिन अज्र-ओ-षवाब अता फरमायेंगे
हज़रत रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया ما لأحد عندنا يد إلا وقد كافيناه ما خلا أبا بكر فإن له عندنا يدا يكافئه الله به يوم القيامة (سنن الترمذي، الرقم: ٣٦٦١) जिस ने भी हमारे साथ कोई एहसान किया, हम ने उसका बदला (इस दुनिया में) दे दिया सिवाए …
और पढ़ो »हज़रत जिब्रील अलयहि अल-सलाम की तरफ से “अस्-सिदीक” का लकब
हज़रत रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने मैराज की रात हज़रत जिब्रील अलयहि अल-सलाम से फरमाया: إن قومي لا يصدقوني (إذا أخبرتهم بأنه قد أسري بي)، فقال له جبريل: يصدقك أبو بكر، وهو الصديق (المعجم الأوسط للطبراني، الرقم: ٧١٧٣) मेरी कौम मेरी तस्दीक़ नहीं करेगी (जब मैं उन्हैं मैराज के …
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