ذات مرة، صعد رسول الله صلى الله عليه وسلم جبل حراء ومعه أبو بكر وعمر وعثمان وعلي وطلحة، والزبير وسعد بن أبي وقاص رضي الله عنهم فتحرك (الجبل ورجف)، فقال رسول الله صلى الله عليه وسلم: اسكن حراء فما عليك إلا نبي أو صديق أو شهيد (من صحيح مسلم، الرقم: …
और पढ़ो »मरीज़ की इयादत की सुन्नतें और आदाब – १
मरीज से इयादत दीने-इस्लाम इस बात का हुक्म देता है कि इन्सान अल्लाह तआला के हुकूक और उसके बंदों के हु…
रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम का मुबारक नाम सुन कर दुरूद पढ़ने का षवाब
हज़रत अनस बिन मालिक (रज़ि.) से मरवी है के रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने इरशाद फ़रमाया के “…
हज़रत सईद बिन-ज़ैद रद़ियल्लाहु अन्हु का बुलंद मक़ाम
قال سعيد بن جبير رحمه الله: كان مقام أبي بكر وعمر وعثمان وعليّ وسعد وسعيد وطلحة والزّبير وعبد الرّحم…
हज़रत उस्मान रद़ियल्लाहु अन्हु की शहादत पर हज़रत सईद बिन-ज़ैद रद़ियल्लाहु अन्हु का हुज़्न-व-ग़म
بعدما قتل البغاةُ سيدنا عثمان رضي الله عنه في المدينة المنورة، خاطب سيدنا سعيد بن زيد -وكان في الكوف…
ख़ैर तलब करना
उहद की लड़ाई में हुज़ूरे अक़दस (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने दरयाफ़्त फ़रमाया के सअद बिन रबीअ (रज़ि.)…
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हज़रत सअ्द रदि अल्लाहु ‘अन्हु से नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की रजामंदी
حدّد سيدنا عمر رضي الله عنه قبل موته ستة من الصحابة الكرام رضي الله عنهم وأمرهم باختيار الخليفة من بينهم، وكان منهم سيدنا سعد رضي الله عنه. قال سيدنا عمر رضي الله عنه عنهم: ما أجد أحدا أحق بهذا الأمر من هؤلاء النفر الذين توفي رسول الله صلى الله عليه …
और पढ़ो »देखने की चिज़ दिल है
हज़रत मौलाना अशरफ़ ‘अली थानवी रहिमहुल्लाह ने एक मर्तबा इरशाद फ़रमाया: लोग आ’माल को देखते हैं; मगर देखने की चिज़ है दिल, कि उसके दिल में अल्लाह और रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) की मोहब्बत और ‘अज़मत (इज़्ज़त,बड़ाई) किस क़दर है। देहाती हैं,गंवार लोग हैं; मगर उनके दिल में अल्लाह …
और पढ़ो »दुवा की सुन्नतें और आदाब – ४
दुआ की क़ुबूलियत के समय अज़ान और जिहाद के वक्त हज़रत सहल बिन सअ्द रदि अल्लाहु ‘अन्हू से रिवायत है कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया: दो वक्त की दुआ रद नहीं की जाती हैं या बहुत कम रद की जाती हैं: एक अज़ान के वक्त और दूसरी …
और पढ़ो »हज़रत सअ्द रदि अल्लाहु ‘अन्हू के लिए रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की पेशीन-गोई
हज-ए-विदा’ के मौके पर जब हज़रत सअ्द रदि अल्लाहु ‘अन्हू बिमार थे और उन्हें अपनी वफ़ात का अंदेशा था, तो रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने उनसे फ़रमाया: ولعلك تخلف حتى ينفع بك أقوام ويضر بك آخرون तुम ज़रूर ज़िन्दा रहोगे; यहां तक कि बहुत से लोगों को आप की …
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