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फज़ाइले-आमाल – २५

हज़रत उमर रज़ि० के वुस्अत तलब करने पर तंबीह और हुज़ूर (सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम) के गुज़र की हालत बीवियों की बाज़ ज़्यादतियों पर एक मर्तबा हुज़ूरे-अक़्दस सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने क़सम खा ली थी कि एक महीने तक उनके पास न जाऊंगा, ताकि उनको तंबीह हो और अलाहिदा ऊपर एक …

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मुसलमान की सही सोच

हज़रत मौलाना इलियास साहब रह़िमहुल्लाह ने एक मर्तबा इर्शाद फ़रमाया: अपनी तही-दस्ती का यकीन (यानी अपने ना-अहल होने का यकीन) ही कामयाबी है। कोई भी अपने अमल से कामयाब न होगा। महज़ अल्लाह के फज़ल से कामयाब होगा। रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम फ़रमाते है: لن يدخل الجنة احد بعمله قالوا …

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कयामत की निशानियां – सातवां एपीसोड

पहला हिस्सा: दज्जाल के तीन खास हथियार: दौलत, औरत और खेलकूद जब दज्जाल लोगो के सामने आयेगा तो लोगो को गुमराह करने के लिए तीन खास हथियार इस्तेमाल करेगा और वो तीन हथियार दौलत, औरत और खेलकूद हैं। अल्लाह तआला उसे बाज़ ऐसे काम अंजाम देने की ताकत अता करेगा …

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सूरह फ़लक की तफ़सीर

قُلْ أَعُوذُ بِرَبِّ الْفَلَقِ ‎﴿١﴾‏ مِن شَرِّ مَا خَلَقَ ‎﴿٢﴾‏ وَمِن شَرِّ غَاسِقٍ إِذَا وَقَبَ ‎﴿٣﴾‏ وَمِن شَرِّ النَّفَّاثَاتِ فِي الْعُقَدِ ‎﴿٤﴾‏ وَمِن شَرِّ حَاسِدٍ إِذَا حَسَدَ ‎﴿٥﴾‏ आप (ऐ मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैही व-सल्लम! लोगों से) कह दीजिए कि मैं पनाह मांगता हूं सुबह के रब की (१) हर चीज़ के शर से जो उसने बनाई (२) और अंधेरी …

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