हज़रत मौलाना अशरफ़ अली थानवी रहिमहुल्लाह ने एक मर्तबा इरशाद फ़रमाया: हातिम असम फ़रमाते हैं कि जब तक कुछ हिस्सा क़ुरान शरीफ़ का और कुछ हिस्सा अपने सिलसिले के मुर्शीद-ओ-बुजुर्ग के मल्फ़ूज़ात-ओ-हिकायत का न पढ़ा जाए, तब तक ईमान की सलामती नज़र नहीं आती। (मुर्शीद=शेख, हिदायत वाला सीधा रास्ता बताने …
और पढ़ो »हज़रत तल्हा रज़ियल्लाहु अन्हु के लिए जन्नत की बशारत
रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने इर्शाद फ़रमाया: عبد الرحمن في الجنة (أي: هو ممن بشّر بالجنة ف…
फ़रिश्तों की मुसलसल दुआ
عَن عَامِر بن رَبِيَعَة رَضِي اللهُ عَنهُ عَن النّبي صَلَّى اللهُ عَلَيهِ وَ سَلَّمَ قَالَ مَا مِن م…
दुरूद लिखने वाले फ़रिश्ते
عن عقبة بن عامر رضي الله عنه قال : قال رسول الله صلى الله عليه وسلم : إن للمساجد أوتادا جلساؤهم المل…
हज़रत अब्दुर्रहमान बिन औफ़ रज़ियल्लाह अन्हु एक बेहतरीन मुसलमान
नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने हज़रत अब्दुर्रहमान बिन औफ़ रज़ियल्लाह अन्हु के बारे में फ़रमा…
अज़ान के बाद दुरूद-शरीफ़ पढ़ना
عن عبد الله بن عمرو بن العاص رضي الله عنهما أنه سمع النبي صلى الله عليه وسلم يقول: إذا سمعتم المؤذن …
નવા લેખો
उम्मत में सबसे ज्यादा ह़या-दार (शर्मीला) शख्स
हज़रत रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया: وأصدقهم (أمتي) حياء عثمان (سنن الترمذي، الرقم: ٣٧٩١) मेरी उम्मत में सबसे ज्यादा हया-दार शख्स उस्मान बिन अफ्फान हैं। हज़रत उस्मान रदि अल्लाहु अन्हु की हया हज़रत आयशा रदि अल्लाहु अन्हा फ़रमाती हैं: एक दफा नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम मेरे …
और पढ़ो »इत्तिबा’-ए-सुन्नत का एहतिमाम- ५
हज़रत शेखुल-हिन्द मौलाना महमूदुल-हसन देवबंदी रहिमहुल्लाह हज़रत शेखुल-हिन्द मौलाना महमूदुल-हसन देवबंदी रहिमहुल्लाह हिन्दुस्तान के एक जलीलुल-क़द्र आलिमे दीन थे। उन की विलादत (पैदाइश) सन हिजरी १२६८ में (सन इस्वी १८५१) हुई। उन का सिलसिला-ए-नसब (खानदानी सिलसिला) हज़रत उस्मान रदि अल्लाहु अन्हु तक पहुंचता है और वो दारुल उलूम देवबंद के …
और पढ़ो »नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के दिल में हज़रत उस्मान रदि अल्लाहु अन्हु की बेपनाह मोहब्बत
हज़रत अली रदि अल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि उन्होंने रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को फ़रमाते हुए सुना: لو أن لي أربعين بنتا زوّجت عثمان واحدة بعد واحدة، حتى لا يبقى منهن واحدة (أي بعد وفاة واحدة، لزوّجته أخرى حتى لا تبقى واحدة منهن) (أسد الغابة ٣/٢١٦) अगर मेरी चालीस …
और पढ़ो »तलाक की सुन्नतैं और आदाब – ६
खुला अगर मियां बीवी के दरम्यान सुलह मुमकिन न हो और शौहर तलाक देने से इनकार करे, तो बीवी के लिए जायज़ है कि वह शौहर को कुछ माल या अपना महर दे दे और उसके बदले तलाक ले ले। अगर शौहर ने अभी तक महर अदा नहीं किया है, …
और पढ़ो »