‘उलमा-ए-आख़िरत की बारह अलामात दूसरी अलामत दूसरी अलामत यह है कि उसके कौल व फेल (कहने और करने) में तआरूज़ (इख़्तिलाफ) न हो, दूसरों को खैर का हुक्म करे और खुद उस पर अमल न करे। हक तआला शानुहू का इर्शाद है:- أَتَأْمُرُونَ النَّاسَ بِالْبِرِّ وَتَنسَوْنَ أَنفُسَكُمْ وَأَنتُمْ تَتْلُونَ الْكِتَابَ …
और पढ़ो »हज़रत सईद बिन-ज़ैद रद़ियल्लाहु अन्हु का बुलंद मक़ाम
قال سعيد بن جبير رحمه الله: كان مقام أبي بكر وعمر وعثمان وعليّ وسعد وسعيد وطلحة والزّبير وعبد الرّحم…
हज़रत उस्मान रद़ियल्लाहु अन्हु की शहादत पर हज़रत सईद बिन-ज़ैद रद़ियल्लाहु अन्हु का हुज़्न-व-ग़म
بعدما قتل البغاةُ سيدنا عثمان رضي الله عنه في المدينة المنورة، خاطب سيدنا سعيد بن زيد -وكان في الكوف…
ख़ैर तलब करना
उहद की लड़ाई में हुज़ूरे अक़दस (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने दरयाफ़्त फ़रमाया के सअद बिन रबीअ (रज़ि.)…
अल्लाह तआला की रज़ामंदी का हुसूल
हज़रत आंईशा (रज़ि.) से रिवायत है के रसूलुल्लाह(सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने इरशाद फ़रमाया के “जो आदमी…
हज़रत उम्मे-सलमह रद़ियल्लाहु अन्हा की हज़रत सईद बिन-ज़ैद रद़ियल्लाहु अन्हु को अपनी नमाज़े-जनाज़ा पढ़ाने की वसीयत
أوصت أم المؤمنين السيدة أم سلمة رضي الله عنها أن يصلي عليها سعيد بن زيد رضي الله عنه (مصنف ابن أبي ش…
નવા લેખો
कोहे हिरा का खुशी से झूमना
ذات مرة، صعد رسول الله صلى الله عليه وسلم جبل حراء ومعه أبو بكر وعمر وعثمان وعلي وطلحة، والزبير وسعد بن أبي وقاص رضي الله عنهم فتحرك (الجبل ورجف)، فقال رسول الله صلى الله عليه وسلم: اسكن حراء فما عليك إلا نبي أو صديق أو شهيد (من صحيح مسلم، الرقم: …
और पढ़ो »फज़ाइले-आमाल – ८
हज़रत सुहैब रद़िय अल्लाहु अन्हु का इस्लाम हजरत सुहैब रद़िय अल्लाहु अन्हु भी हजरत अम्मार रद़िय अल्लाहु अन्हु ही के साथ मुसलमान हुए।नबी-ए-अकरम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम हजरत अरक़म रद़िय अल्लाहु अन्हु के मकान पर तशरीफ़ फ़रमा थे कि ये दोनों हज़रात अलाह़िदा अलाह़िदा हाज़िर-ए-खिदमत हुए और मकान के दरवाज़े पर …
और पढ़ो »मेहमान का इकराम
एक वक्त ऐसा हुआ कि शायद बारिश वगैरह की वजह से मौलाना के यहाँ गोश्त नहीं आ सका और उस दिन मेहमानों में मेरे एक मोह़तरम बुजुर्ग (जो हज़रत मौलाना के खास अज़ीज़ भी हैं) वो भी थे, गोश्त से रग्बत हज़रत मौलाना को मालूम थी, यह आजिज़ भी हाज़िर …
और पढ़ो »फज़ाइले-आमाल – ७
हज़रत ‘अम्मार रद़िय अल्लाहु अन्हु और उनके वालिदैन का ज़िक्र हजरत अम्मार रद़िय अल्लाहु अन्हु और उनके मां-बाप को भी सख्त से सख्त तक्लीफ़ें पहुंचाई गईं। मक्का की सख्त गर्म और रेतीली ज़मीन में उनको अज़ाब दिया जाता और हुज़ूरे अक़्दस सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम का उस तरफ़ गुजर होता तो …
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