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रसूलुल्लाह सल्लल्लाह अलैही व-सल्लम की तरफ से हज़रत सा’द रदि अल्लाहु अन्हू के लिए जन्नत की खुश्खबरी

एक बार रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने अपने सहाबा ए किराम रदि अल्लाहु अन्हुम को मुखातिब करते हुए फरमाया: يطلع عليكم الآن رجل من أهل الجنة، فطلع سيدنا سعد بن أبي وقاص رضي الله عنه (مسند أحمد، الرقم: ١٢٦٩٧، مسند البزار، الرقم: ٦٨٣٦) अभी तुम्हारे सामने एक ऐसा व्यक्ति आयेगा …

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फज़ाइले-सदकात – ४

सिला-रहमी हज़रत अब्दुल्लाह बिन अबी औफा रज़ि० फरमाते हैं कि हम शाम को हुज़ूरे अक़्दस सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की ख़िदमत में हल्के के तौर पर चारों तरफ बैठे थे। हुजूर सल्लल्लाहु अलैही व-सल्लम ने फरमाया कि मज्मे में कोई शख़्स कता-रहमी करने वाला हो तो वह उठ जाए, हमारे …

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फज़ाइले सदकात – ३

कुर्दी का किस्सा कुर्द एक कबीले का नाम है, उसमें एक शख़्स मशहूर डाकू था। वह अपना किस्सा बयान करता है कि मैं अपने साथियों की एक जमाअत के साथ डाके के लिए जा रहा था। रास्ते में हम एक जगह बैठे थे। वहां हमने देखा कि खजूर के तीन …

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हज़रत सा’द रदि अल्लाहु अन्हू का बराह-ए-रास्त रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैही व-सल्लम से नमाज़ का तरीक़ा सीखना

في السنة الحادية والعشرين من الهجرة، أتى بعض أهل الكوفة سيدنا عمر رضي الله عنه وشكوا إليه سيدَنا سعدَ بن أبي وقاص رضي الله عنه أنه لا يصلّي بهم صلاة صحيحة. فسأله سيدُنا عمرُ رضي الله عنه عن ذلك، فقال: أما أنا والله فإني كنت أصلي بهم صلاة رسول الله …

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फज़ाइले-आमाल – ४

हज़रत बिलाल हब्शी र’दि अल्लाहु अन्हू का इस्लाम और मसाइब हजरत बिलाल हब्शी र’दि अल्लाहु अन्हू एक मशहूर सहाबी हैं, जो मस्जिदे नबुवी के हमेशा मुअज्जिन रहे। शुरू में एक काफ़िर के गुलाम थे, इस्लाम ले आये जिसकी वजह से तरह-तरह की तकलीफें दिये जाते थे। (मुअज्जिन=अज़ान देने वाले) उमैया …

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