शेख-उल-हदीस हजरत मौलाना मुहम्मद ज़करिया रहिमहुल्लाह ने एक मर्तबा इर्शाद फरमाया: मेरा प्यारो! कुछ कर लो। مَنْ طَلَبَ الْعُلى سَهِرَ الَّیَالِيَ जो शख़्स कुछ बनना चाहे, तो उस को रातों में जागना पड़ता है। फरमाया: एक शख्स थे, जो कुछ रोज़ हजरत रायपुरी रहिमहुल्लाह की खिदमत में रहे, ज़िक्र-ओ-अज़कार में …
और पढ़ो »हज़रत सईद बिन-ज़ैद रद़ियल्लाहु अन्हु का बुलंद मक़ाम
قال سعيد بن جبير رحمه الله: كان مقام أبي بكر وعمر وعثمان وعليّ وسعد وسعيد وطلحة والزّبير وعبد الرّحم…
हज़रत उस्मान रद़ियल्लाहु अन्हु की शहादत पर हज़रत सईद बिन-ज़ैद रद़ियल्लाहु अन्हु का हुज़्न-व-ग़म
بعدما قتل البغاةُ سيدنا عثمان رضي الله عنه في المدينة المنورة، خاطب سيدنا سعيد بن زيد -وكان في الكوف…
ख़ैर तलब करना
उहद की लड़ाई में हुज़ूरे अक़दस (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने दरयाफ़्त फ़रमाया के सअद बिन रबीअ (रज़ि.)…
अल्लाह तआला की रज़ामंदी का हुसूल
हज़रत आंईशा (रज़ि.) से रिवायत है के रसूलुल्लाह(सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने इरशाद फ़रमाया के “जो आदमी…
हज़रत उम्मे-सलमह रद़ियल्लाहु अन्हा की हज़रत सईद बिन-ज़ैद रद़ियल्लाहु अन्हु को अपनी नमाज़े-जनाज़ा पढ़ाने की वसीयत
أوصت أم المؤمنين السيدة أم سلمة رضي الله عنها أن يصلي عليها سعيد بن زيد رضي الله عنه (مصنف ابن أبي ش…
નવા લેખો
फज़ाइले-सदकात – ८
‘उलमा-ए-आख़िरत की बारह अलामात तीसरी अलामत तीसरी अलामत यह है कि ऐसे ‘उलूम में मशगूल हो जो आख़िरत में काम आने वाले हों, नेक कामों में रग्बत पैदा करने वाले हों, ऐसे उलूम से इह़्तिराज़ करे (बचें) जिनका आख़िरत में कोई नफा नहीं है या नफा कम है। हम लोग …
और पढ़ो »रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैही व-सल्लम के महबूब
ذات مرة، قال سيدنا عثمان بن عفان رضي الله عنه عن سيدنا الزبير رضي الله عنه: أما والذي نفسي بيده إنه لخيرهم ما علمت (من الصحابة الأحياء)، وإن كان لأحبهم إلى رسول الله صلى الله عليه وسلم (صحيح البخاري، الرقم: ٣٧١٧) एक मर्तबा हज़रत उस्मान रद़िय अल्लाहु अन्हू ने हज़रत …
और पढ़ो »सूरह इख़लास की तफ़सीर
قُل هُوَ اللّٰهُ اَحَدٌ ﴿١﴾ اللّٰهُ الصَّمَدُ ﴿٢﴾ لَم يَلِدْ وَلَم يُوْلَد ﴿٣﴾ وَلَمْ يَكُن لَهُ كُفُوًا اَحَدٌ ﴿٤﴾ आप (ऐ मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम लोगों से) कह दीजिए कि अल्लाह एक है (यानी अल्लाह त’आला अपनी ज़ात-ओ-सिफात में यकता है (१) अल्लाह बे-नियाज़ है (यानी सारी मखलूक उसकी …
और पढ़ो »रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैही व-सल्लम का ह़वारी
रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैही व-सल्लम ने फ़रमाया: إن لكل نبي حواريا وإن حواريي الزبير بن العوام. (صحيح البخاري، الرقم: 3719) बेशक हर नबी का कोई न कोई ह़वारी (खास मददगार) होता था और मेरा ह़वारी जुबैर बिन अवाम है। रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैही व-सल्लम के ह़वारी होने का लक़ब ग़ज़वा-ए-अह़ज़ाब (जिसे ग़ज़वा-ए-ख़ंदक …
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