शेखुल-हदीस हजरत मौलाना मुह़म्मद ज़करिया रहिमहुल्लाह ने एक मर्तबा इरशाद फ़रमाया: मेरे प्यारो! एक बहुत ही ज़रूरी और अहम बात कहना चाहता रहा; मगर अब तक न केह सका. तुम उलमा ए किराम हो, मुदर्रिस हो, बहुत से मदरसों के नाज़िम भी होंगे, ये मदारिस तुम्हारी बरकत से चल रहे …
और पढ़ो »हज़रत तल्हा रज़ियल्लाहु अन्हु के लिए जन्नत की बशारत
रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने इर्शाद फ़रमाया: عبد الرحمن في الجنة (أي: هو ممن بشّر بالجنة ف…
फ़रिश्तों की मुसलसल दुआ
عَن عَامِر بن رَبِيَعَة رَضِي اللهُ عَنهُ عَن النّبي صَلَّى اللهُ عَلَيهِ وَ سَلَّمَ قَالَ مَا مِن م…
दुरूद लिखने वाले फ़रिश्ते
عن عقبة بن عامر رضي الله عنه قال : قال رسول الله صلى الله عليه وسلم : إن للمساجد أوتادا جلساؤهم المل…
हज़रत अब्दुर्रहमान बिन औफ़ रज़ियल्लाह अन्हु एक बेहतरीन मुसलमान
नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने हज़रत अब्दुर्रहमान बिन औफ़ रज़ियल्लाह अन्हु के बारे में फ़रमा…
अज़ान के बाद दुरूद-शरीफ़ पढ़ना
عن عبد الله بن عمرو بن العاص رضي الله عنهما أنه سمع النبي صلى الله عليه وسلم يقول: إذا سمعتم المؤذن …
નવા લેખો
उम्मते मुह़म्मदिया के सबसे बेहतरीन क़ाज़ी
नबी ए करीम सल्लल्लाहु ‘अलैहि वसल्लम ने हज़रत ‘अली रदि अल्लाहु ‘अन्हु के बारे में फ़रमाया: أقضاهم علي بن أبي طالب (أي: أعرفهم بالقضاء) (سنن ابن ماجة، الرقم: ١٥٤) मेरी उम्मत में सबसे बेहतरीन क़ाज़ी ‘अली बिन अबी तालिब हैं। हज़रत अली रदि अल्लाहु ‘अन्हु के दिल में नबी ए …
और पढ़ो »(१७) जनाज़े से मुतफ़र्रिक़ मसाईल
कबर पर फुल चढ़ाने का हुकम सवाल: शरीयत में फुल चढ़ाना कैसा है? जवाब: कबर पर फुल चढ़ाना एक ऐसा अमल है, जिस का शरीअत में कोई सुबूत नहीं है; इसलिए उस से किनारा करना (बचना) ज़रुरी है। मय्यत के जिस्म से अलग हो जाने वाले आ’ज़ा (शरीर के अंग …
और पढ़ो »हज़रत अली रदि अल्लाहु ‘अन्हु के लिए नबी ए करीम सल्लल्लाहु ‘अलैहि वसल्लम की दुआ
हज़रत रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु ‘अलैहि वसल्लम ने अपना मुबारक हाथ हज़रत अली रदि अल्लाहु ‘अन्हु के सीने पर रखा और उनके लिए यह दुआ फ़रमाई: اللهم ثبت لسانه (على النطق بالصواب) واهد قلبه (إلى الحق) (مسند أحمد، الرقم: ٨٨٢) हे अल्लाह! उनकी जबान को (हक़ बात कहने में) साबित रखिये और …
और पढ़ो »क़यामत की अलामात- चोथी कि़स्त
क़यामत की दस बड़ी निशानियां जिस तरह क़यामत की छोटी-छोटी निशानियाँ मुबारक हदीसों में बयान की गई हैं, इसी तरह क़यामत की बड़ी निशानियाँ भी मुबारक हदीसों में बयान की गई हैं। क़यामत की बड़ी निशानियों से मुराद वह अहम (महत्वपूर्ण) वाक़िआत हैं जो क़यामत से पहले इस दुनिया में …
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