ذات مرة، صعد رسول الله صلى الله عليه وسلم جبل حراء ومعه أبو بكر وعمر وعثمان وعلي وطلحة، والزبير وسعد بن أبي وقاص رضي الله عنهم فتحرك (الجبل ورجف)، فقال رسول الله صلى الله عليه وسلم: اسكن حراء فما عليك إلا نبي أو صديق أو شهيد (من صحيح مسلم، الرقم: …
और पढ़ो »हज़रत सईद बिन-ज़ैद रद़ियल्लाहु अन्हु को अपने वालिद की मग्फ़िरत की फिक्र
جاء سيدنا سعيد بن زيد رضي الله عنه مرة إلى النبي صلى الله عليه وسلم فقال: يا رسول الله إن (أبي) زيدا…
दस नेकियों का हासिल होना
عن أبي هريرة قال قال رسول الله صلى الله عليه وسلم من صلى علي مرة واحدة كتب الله عز وجل له بها عشر حس…
सवाब ठोस भरकर मिलेगा
عن أبي هريرة رضي الله عنه قال قال رسول الله صلى الله عليه وسلم من سره أن يكتال بالمكيال الأوفى إذا ص…
हज़रत सईद बिन-ज़ैद रद़ियल्लाहु अन्हु के दिल में सहाबा-ए-किराम रद़ियल्लाहु अन्हुम का अज़ीम एहतिराम
ذات مرة، خاطب سيدنا سعيد بن زيد رضي الله عنه الناس فأقسم بالله وقال: والله لمشهد شهده رجل يغبر فيه و…
दस रहमतों का हुसूल
عن أبي هريرة أن رسول الله صلى الله عليه وسلم قال: من صلى علي واحدة صلى الله عليه عشرا... …
નવા લેખો
फज़ाइले-आमाल – ८
हज़रत सुहैब रद़िय अल्लाहु अन्हु का इस्लाम हजरत सुहैब रद़िय अल्लाहु अन्हु भी हजरत अम्मार रद़िय अल्लाहु अन्हु ही के साथ मुसलमान हुए।नबी-ए-अकरम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम हजरत अरक़म रद़िय अल्लाहु अन्हु के मकान पर तशरीफ़ फ़रमा थे कि ये दोनों हज़रात अलाह़िदा अलाह़िदा हाज़िर-ए-खिदमत हुए और मकान के दरवाज़े पर …
और पढ़ो »मेहमान का इकराम
एक वक्त ऐसा हुआ कि शायद बारिश वगैरह की वजह से मौलाना के यहाँ गोश्त नहीं आ सका और उस दिन मेहमानों में मेरे एक मोह़तरम बुजुर्ग (जो हज़रत मौलाना के खास अज़ीज़ भी हैं) वो भी थे, गोश्त से रग्बत हज़रत मौलाना को मालूम थी, यह आजिज़ भी हाज़िर …
और पढ़ो »फज़ाइले-आमाल – ७
हज़रत ‘अम्मार रद़िय अल्लाहु अन्हु और उनके वालिदैन का ज़िक्र हजरत अम्मार रद़िय अल्लाहु अन्हु और उनके मां-बाप को भी सख्त से सख्त तक्लीफ़ें पहुंचाई गईं। मक्का की सख्त गर्म और रेतीली ज़मीन में उनको अज़ाब दिया जाता और हुज़ूरे अक़्दस सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम का उस तरफ़ गुजर होता तो …
और पढ़ो »हज़रत ज़ुबैर रद़िय अल्लाहु अन्हू के लिए जन्नत की खुशख़बरी
हज़रत रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने इर्शाद फ़रमाया: زبير في الجنة (أي: هو ممن بشّر بالجنة في الدنيا) (سنن الترمذي، الرقم: ٣٧٤٧) ज़ुबैर जन्नत में होंगे। (यानी वह उन लोगों में से हैं, जिन्हें इस दुनिया में जन्नत की खुशख़बरी दी गई।) उहुद की लड़ाई के बाद रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैही …
और पढ़ो »