आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का नसब (वंश) मुबारक आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का नाम मुह़म्मद था, आप के वालिद (पिता) का नाम अब्दुल्ला था और आप की वालिदा (मां) का नाम आमिना था। आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम कुरैश खानदान में से थे और कुरैश की मुख्तलिफ शाखों में से क़बील …
और पढ़ो »सुबह-शाम दुरूद शरीफ़ पढ़ना
عَن ابي الدرداء رضي الله عنه قال قال رسول الله صلى الله عليه و سلم مَن صَلَّى عَلَيَّ حِينَ يُصْبِحُ…
हज़रत अब्दुल्लाह बिन अब्बास (रज़ि.) का दुरूद
عَنِ ابْنِ عَبَّاسٍ رَضِيَ اللهُ عَنهُمَا أَنَّهُ كَانَ إذَا صَلَّى عَلَى النَّبِيِّ صَلَّى اللهُ عَ…
रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम के बहोत ज़्यादह ख़ुश होने का कारण
عن أبي طلحة الأنصاري رضي الله عنه قال أصبح رسول الله صلى الله عليه وسلم يوما طيب النفس يرى في وجهه ا…
क़यामत के दिन नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम से ज़्यादा निकट शख़्स
عَن عَبدِ اللهِ بنِ مَسعُودٍ رَضِيَ اللهُ عَنهُ أَنَّ رَسُولَ اللهِ صَلَّى اللهُ عَلَيهِ وَ سَلَّم ق…
दुरूद शरीफ़ पढ़ने वाले के लिए ख़ुशख़बरी
عن عبد الرحمن بن عوف رضي الله عنه قال خرج رسول الله صلى الله عليه وسلم فاتبعته حتى دخل نخلا فسجد فأط…
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दुवा की सुन्नतें और आदाब – २
दुआ की फजी़लतें (१) मोमीन का हथियार हज़रत अली रदि अल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि हज़रत रसूले ख़ुदा सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया कि दुआ मोमीन का हथियार, दीन का सुतून और आसमानों और जमीन का नूर है। (२) इबादत का मग़्ज़ हज़रत अनस रदि अल्लाहु अन्हु से …
और पढ़ो »दीन के लिए अपना जान-ओ-माल क़ुर्बान करना
हज़रत मौलाना मुह़म्मद इल्यास साहब रहिमहुल्लाह ने एक मर्तबा इरशाद फ़रमाया: दीन में जान की भी कुर्बानी है और माल की भी। तो तब्लीग़ में जान की कुर्बानी यह है कि अल्लाह के वास्ते अपने वतन को छोड़े और अल्लाह के कलिमे (ला-इलाहा इल्लल-लाह मुहम्मदुर रसुलुल्लाह) को फैलाए, दीन की …
और पढ़ो »जन्नत की खुशखबरी
हज़रत रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया: عثمان في الجنة (أي: هو ممن بشّر بالجنة في الدنيا) (سنن الترمذي، الرقم: ٣٧٤٧) उस्मान जन्नत में होंगे (यानी वह उन लोगों में शामिल हैं जिन्हें इस दुनिया में जन्नत की खुशखबरी दी गई)। मस्जिदे ह़राम को कुशादा करने के लिए ज़मीन …
और पढ़ो »हज़रत उस्मान रदि अल्लाहु ‘अन्हु का अपने लिए जन्नत खरीदना
गज़व ए तबूक के मौके पर नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने हज़रत उस्मान रदि अल्लाहु ‘अन्हु के बारे में फ़रमाया: ما على عثمان ما عمل بعد هذه (أي: ليس عليه أن يعمل عملا أخر لشراء الجنة بعد إنفاقه ست مائة بعير لتجهيز جيش تبوك). (سنن الترمذي، الرقم: ٣٧٠٠) …
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