નવા લેખો

इयादते-मरीज़ की सुन्नतें और आदाब – २

इयादते-मरीज़ के फज़ाइल सत्तर हज़ार फ़रिश्तों की दुआ का हुसूल हज़रत अली रद़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने फ़र्माया: “जो शख़्स सुब्ह को किसी बिमार आदमी की इयादत करे, उस के लिए सत्तर हज़ार फ़रिश्ते शाम तक अल्लाह तआला से रहमत की दुआ करेंगे और …

Read More »

फज़ाइले-आमाल – ३५

सहाबा किराम रद़ियल्लाहु अन्हुम के तक़्वा के बयान में हज़रात सहाबा-ए-किराम रद़ियल्लाहु अन्हुम की हर आदत, हर खसलत इस क़ाबिल है कि उसको चुना जाए और उसका इत्तिबा किया जाए और क्यों न हो कि अल्लाह जल्ल शानुहू ने अपने लाडले और महबूब रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम की मुसाहबत के …

Read More »

दुरूद शरीफ़ ग़ुर्बत दूर करने का ज़रीआ

हज़रत अबु हुरैरह (रज़ि.) से रिवायत है के एक मर्तबा नबीए करीम (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने फ़रमाया के मुझे किसी आदमी के माल से इतना नफ़ा नहीं हुवा जितना मुझे हज़रत अबु बक्र सिद्दीक़ (रज़ि.) के माल से नफ़ा हुवा...

Read More »

ग़ुस्ल में नाफ़ के अंदरूनी हिस्से को धोना

सवाल: ग़ुस्ल के दौरान मैं अपनी नाफ़ के अंदरूनी हिस्से को उंगली से धोना भूल गया। क्या मेरा ग़ुस्ल सही है, या मुझे दोबारा ग़ुस्ल करना पड़ेगा? क्या ग़ुस्ल में नाफ़ के अंदरूनी हिस्से को रगड़ना ज़रूरी है? जवाब: ग़ुस्ल के सही होने के लिए नाफ़ के अंदर उंगली डालना …

Read More »