मुहर्रम और आशूरा अल्लाह तआला का निज़ाम (प्रणाली) है के उनहोंने कुछ चीज़ों को कुछ चीज़ों पर विशेष फ़ज़ीलत और ऎहमीयत (महत्वता) दी है. चुनांचे ईन्सानों में से अम्बीयाए किराम अलयहिमुस्सलातु वस्सलाम को दीगर लोगों पर ख़ास फ़वक़ियत (प्राथमिकता) और फ़ज़ीलत दी गई है. दुन्या के दीगर हिस्सों के बनिस्बत …
और पढ़ो »इद्दत की सुन्नतें और आदाब – २
शौहर की वफात के बाद बीवी की इद्दत के हुक्म (१) जब किसी औरत के शौहर का इन्तिका़ल हो जाए, तो उस पर …
अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को फ़रिश्तों के ज़रिए दुरूद शरीफ़ के बारे में बताया गया
عن أبي هريرة رضي الله عنه قال: قال رسول الله صلى الله عليه وسلم من صلى علي عند قبري سمعته ومن صلى عل…
रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम के पसंदीदा
سئلت سيدتنا عائشة رضي الله عنها: أي أصحاب رسول الله صلى الله عليه وسلم كان أحب إلى رسول الله؟ قالت: …
सूरह-फलक़ और सूरह-नास की तफ़सीर – प्रस्तावना
قُلْ أَعُوذُ بِرَبِّ الْفَلَقِ ﴿١﴾ مِن شَرِّ مَا خَلَقَ ﴿٢﴾ وَمِن شَرِّ غَاسِقٍ إِذَا وَقَبَ ﴿٣…
हज़रत अबू-‘उबैदा रद़ियल्लाहु अन्हु के लिए जन्नत की बशारत
अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने इर्शाद फ़र्माया: أبو عبيدة في الجنة (أي: هو ممن بشّر بالج…
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नए इस्लामी साल की दुआ
सवाल – नए इस्लामी साल या नए इस्लामी महीने की कोई दुआ हदीष से षाबित है या नहीं? बहोत से लोग ख़ास तौर पर उस दिन एक दूसरे को दुआऐं भेजते हैं. उस की क्या हक़ीक़त है?
और पढ़ो »ज़िल हिज्जह की सुन्नतें और आदाब
(१) ज़िल हिज्जह के पेहले दस दिनों में ख़ूब इबादत करें. इन दस दिनों में इबादत करने की बहोत ज़्यादा फ़ज़ीलतें वारिद हुई हैं. हज़रत अब्दुल्लाह बिन अब्बास रदी अल्लाहु अन्हु से रिवायत है के नबिए करीम सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया के “जो भी नेक अमल साल के …
और पढ़ो »हजरत उमर रदि अल्लाहु अनहु का खुले तौर पर हक़ बात केहना
एक बार, हजरत उमर रदि अल्लाहु अनहु के लिए खास दुआ करते हुए, नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फरमाया: رحم الله عمر، يقول الحق (بكل صراحة) وإن كان مرا (للناس)، تركه الحق وما له صديق (يراعيه عند قول الحق) (سنن الترمذي، الرقم: ٣٧١٤) अल्लाह उमर पर रहम करे! वह …
और पढ़ो »हज़रत उमर रदि अल्लाहु अन्हु के रास्ते से शैतान का भागना
अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने हज़रत उमर रदि अल्लाहु अन्हु से फरमाया: إِيْهٍ يا ابن الخطاب، والذي نفسي بيده ما لقيك الشيطان سالكا فجا قط إلا سلك فجا غير فجك (صحيح البخاري، الرقم: ٣٦٨٣) ऐ खत्ताब के बेटे! उसकी क़सम जिसके क़ब्ज़े में मेरी जान है! शैतान …
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