हज़रत सुहैब रद़िय अल्लाहु अन्हु का इस्लाम हजरत सुहैब रद़िय अल्लाहु अन्हु भी हजरत अम्मार रद़िय अल्लाहु अन्हु ही के साथ मुसलमान हुए।नबी-ए-अकरम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम हजरत अरक़म रद़िय अल्लाहु अन्हु के मकान पर तशरीफ़ फ़रमा थे कि ये दोनों हज़रात अलाह़िदा अलाह़िदा हाज़िर-ए-खिदमत हुए और मकान के दरवाज़े पर …
और पढ़ो »हज़रत तल्हा रज़ियल्लाहु अन्हु के लिए जन्नत की बशारत
रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने इर्शाद फ़रमाया: عبد الرحمن في الجنة (أي: هو ممن بشّر بالجنة ف…
फ़रिश्तों की मुसलसल दुआ
عَن عَامِر بن رَبِيَعَة رَضِي اللهُ عَنهُ عَن النّبي صَلَّى اللهُ عَلَيهِ وَ سَلَّمَ قَالَ مَا مِن م…
दुरूद लिखने वाले फ़रिश्ते
عن عقبة بن عامر رضي الله عنه قال : قال رسول الله صلى الله عليه وسلم : إن للمساجد أوتادا جلساؤهم المل…
हज़रत अब्दुर्रहमान बिन औफ़ रज़ियल्लाह अन्हु एक बेहतरीन मुसलमान
नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने हज़रत अब्दुर्रहमान बिन औफ़ रज़ियल्लाह अन्हु के बारे में फ़रमा…
अज़ान के बाद दुरूद-शरीफ़ पढ़ना
عن عبد الله بن عمرو بن العاص رضي الله عنهما أنه سمع النبي صلى الله عليه وسلم يقول: إذا سمعتم المؤذن …
નવા લેખો
मेहमान का इकराम
एक वक्त ऐसा हुआ कि शायद बारिश वगैरह की वजह से मौलाना के यहाँ गोश्त नहीं आ सका और उस दिन मेहमानों में मेरे एक मोह़तरम बुजुर्ग (जो हज़रत मौलाना के खास अज़ीज़ भी हैं) वो भी थे, गोश्त से रग्बत हज़रत मौलाना को मालूम थी, यह आजिज़ भी हाज़िर …
और पढ़ो »फज़ाइले-आमाल – ७
हज़रत ‘अम्मार रद़िय अल्लाहु अन्हु और उनके वालिदैन का ज़िक्र हजरत अम्मार रद़िय अल्लाहु अन्हु और उनके मां-बाप को भी सख्त से सख्त तक्लीफ़ें पहुंचाई गईं। मक्का की सख्त गर्म और रेतीली ज़मीन में उनको अज़ाब दिया जाता और हुज़ूरे अक़्दस सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम का उस तरफ़ गुजर होता तो …
और पढ़ो »हज़रत ज़ुबैर रद़िय अल्लाहु अन्हू के लिए जन्नत की खुशख़बरी
हज़रत रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने इर्शाद फ़रमाया: زبير في الجنة (أي: هو ممن بشّر بالجنة في الدنيا) (سنن الترمذي، الرقم: ٣٧٤٧) ज़ुबैर जन्नत में होंगे। (यानी वह उन लोगों में से हैं, जिन्हें इस दुनिया में जन्नत की खुशख़बरी दी गई।) उहुद की लड़ाई के बाद रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैही …
और पढ़ो »फज़ाइले-सदकात – ६
‘उलमा-ए-आख़िरत की बारह निशानियाँ इमाम गज़ाली रहिमहुल्लाह फरमाते हैं कि जो आलिम दुनियादार हो वह अह़वाल (हालत,परिस्थिति,मुआमले) के एतिबार से जाहिल से ज़्यादा कमीना है और अज़ाब के एतिबार से ज़्यादा सख़्ती में मुब्तला होगा और कामयाब और अल्लाह-तआला के यहां मुकर्रब उलमा-ए-आख़िरत हैं जिनकी चंद आलमतें हैं। पहेली अलामत: …
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