(९) अल्लाह तआला की ओर पूरा ध्यान रखकर दुआ करें। गफलत और लापरवाही से दुआ न करें और दुआ करते समय इधर-उधर न देखें। हज़रत अबू-हुरैरा रज़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने इर्शाद फरमाया: “अल्लाह तआला से दुआ करो, दुआ के क़ुबूल होने का यक़ीन …
और पढ़ो »हज़रत सईद बिन-ज़ैद रद़ियल्लाहु अन्हु का बुलंद मक़ाम
قال سعيد بن جبير رحمه الله: كان مقام أبي بكر وعمر وعثمان وعليّ وسعد وسعيد وطلحة والزّبير وعبد الرّحم…
हज़रत उस्मान रद़ियल्लाहु अन्हु की शहादत पर हज़रत सईद बिन-ज़ैद रद़ियल्लाहु अन्हु का हुज़्न-व-ग़म
بعدما قتل البغاةُ سيدنا عثمان رضي الله عنه في المدينة المنورة، خاطب سيدنا سعيد بن زيد -وكان في الكوف…
ख़ैर तलब करना
उहद की लड़ाई में हुज़ूरे अक़दस (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने दरयाफ़्त फ़रमाया के सअद बिन रबीअ (रज़ि.)…
अल्लाह तआला की रज़ामंदी का हुसूल
हज़रत आंईशा (रज़ि.) से रिवायत है के रसूलुल्लाह(सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने इरशाद फ़रमाया के “जो आदमी…
हज़रत उम्मे-सलमह रद़ियल्लाहु अन्हा की हज़रत सईद बिन-ज़ैद रद़ियल्लाहु अन्हु को अपनी नमाज़े-जनाज़ा पढ़ाने की वसीयत
أوصت أم المؤمنين السيدة أم سلمة رضي الله عنها أن يصلي عليها سعيد بن زيد رضي الله عنه (مصنف ابن أبي ش…
નવા લેખો
जन्नत में रसूलुल्लाह सल्लल्लाह अलैही व-सल्लम का पड़ोसी
हज़रत ‘अली रद़ियल्लाहु ‘अन्हु ने हज़रत तल्हा और ज़ुबैर रद़ियल्लाहु ‘अन्हुमा के बारे में फरमाया: سمعت أذني مِن فِيْ رسول الله صلى الله عليه وسلم وهو يقول: طلحة والزبير جاراي في الجنة. (جامع الترمذي، الرقم: ٣٧٤١) मेरे कान ने बराहे-रास्त रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैही व-सल्लम के मुबारक मुंह से यह इरशाद …
और पढ़ो »दुवा की सुन्नतें और आदाब – ३
इद्दत के दौरान मना चीज़ें जिस औरत को तलाक़े-बाइन या तलाक़े-मुग़ल्लज़ा दी गई हो या उस के शौहर का इन्तिक़ाल हो गया हो, तो उसके लिए इद्दत के दौरान नीचे दी गई चीज़ें मना हैं: (१) इद्दत के दौरान निकाह करना जायज़ नहीं है। अगर निकाह करेगी तो उस का …
और पढ़ो »जुमा के दिन दुरूद-शरीफ़ की कसरत (दुरूद शरीफ़ ज़्यादा पढ़ना)
عن أوس بن أوس رضي الله عنه قال قال رسول الله صلى الله عليه وسلم إن من أفضل أيامكم يوم الجمعة فأكثروا علي من الصلاة فيه فإن صلاتكم معروضة علي (سنن أبي داود#١٠٤٧)
हज़रत औस बिन औस (रज़ि.) से रिवायत है के...
और पढ़ो »तमाम तक्लीफ घटाने की तदबीर
एक साहब ने एक घरेलू मामले के संबंध में अर्ज़ किया कि इससे हजरत (हज़रत मौलाना अशरफ़ अली थानवी रह़िमहुल्लाह) को तक्लीफ़ हुई होगी। हज़रत वला (हज़रत मौलाना अशरफ़ अली थानवी रह़िमहुल्लाह) ने फ़र्माया: नहीं साहब! मुझे कुछ तकलीफ नहीं हुई.अल्लाह तआला का लाख लाख शुकर है कि उसने मुझ …
और पढ़ो »
Alislaam.com – اردو हिन्दी ગુજરાતી