नबी ए करीम सल्लल्लाहु ‘अलैहि वसल्लम ने हज़रत ‘अली रदि अल्लाहु ‘अन्हु के बारे में फ़रमाया: أقضاهم علي بن أبي طالب (أي: أعرفهم بالقضاء) (سنن ابن ماجة، الرقم: ١٥٤) मेरी उम्मत में सबसे बेहतरीन क़ाज़ी ‘अली बिन अबी तालिब हैं। हज़रत अली रदि अल्लाहु ‘अन्हु के दिल में नबी ए …
और पढ़ो »इद्दत की सुन्नतें और आदाब – २
शौहर की वफात के बाद बीवी की इद्दत के हुक्म (१) जब किसी औरत के शौहर का इन्तिका़ल हो जाए, तो उस पर …
अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को फ़रिश्तों के ज़रिए दुरूद शरीफ़ के बारे में बताया गया
عن أبي هريرة رضي الله عنه قال: قال رسول الله صلى الله عليه وسلم من صلى علي عند قبري سمعته ومن صلى عل…
रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम के पसंदीदा
سئلت سيدتنا عائشة رضي الله عنها: أي أصحاب رسول الله صلى الله عليه وسلم كان أحب إلى رسول الله؟ قالت: …
सूरह-फलक़ और सूरह-नास की तफ़सीर – प्रस्तावना
قُلْ أَعُوذُ بِرَبِّ الْفَلَقِ ﴿١﴾ مِن شَرِّ مَا خَلَقَ ﴿٢﴾ وَمِن شَرِّ غَاسِقٍ إِذَا وَقَبَ ﴿٣…
हज़रत अबू-‘उबैदा रद़ियल्लाहु अन्हु के लिए जन्नत की बशारत
अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने इर्शाद फ़र्माया: أبو عبيدة في الجنة (أي: هو ممن بشّر بالج…
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(१७) जनाज़े से मुतफ़र्रिक़ मसाईल
कबर पर फुल चढ़ाने का हुकम सवाल: शरीयत में फुल चढ़ाना कैसा है? जवाब: कबर पर फुल चढ़ाना एक ऐसा अमल है, जिस का शरीअत में कोई सुबूत नहीं है; इसलिए उस से किनारा करना (बचना) ज़रुरी है। मय्यत के जिस्म से अलग हो जाने वाले आ’ज़ा (शरीर के अंग …
और पढ़ो »हज़रत अली रदि अल्लाहु ‘अन्हु के लिए नबी ए करीम सल्लल्लाहु ‘अलैहि वसल्लम की दुआ
हज़रत रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु ‘अलैहि वसल्लम ने अपना मुबारक हाथ हज़रत अली रदि अल्लाहु ‘अन्हु के सीने पर रखा और उनके लिए यह दुआ फ़रमाई: اللهم ثبت لسانه (على النطق بالصواب) واهد قلبه (إلى الحق) (مسند أحمد، الرقم: ٨٨٢) हे अल्लाह! उनकी जबान को (हक़ बात कहने में) साबित रखिये और …
और पढ़ो »क़यामत की अलामात- चोथी कि़स्त
क़यामत की दस बड़ी निशानियां जिस तरह क़यामत की छोटी-छोटी निशानियाँ मुबारक हदीसों में बयान की गई हैं, इसी तरह क़यामत की बड़ी निशानियाँ भी मुबारक हदीसों में बयान की गई हैं। क़यामत की बड़ी निशानियों से मुराद वह अहम (महत्वपूर्ण) वाक़िआत हैं जो क़यामत से पहले इस दुनिया में …
और पढ़ो »आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की मुबारक सीरत – १
आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का नसब (वंश) मुबारक आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का नाम मुह़म्मद था, आप के वालिद (पिता) का नाम अब्दुल्ला था और आप की वालिदा (मां) का नाम आमिना था। आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम कुरैश खानदान में से थे और कुरैश की मुख्तलिफ शाखों में से क़बील …
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