سئلت سيدتنا عائشة رضي الله عنها: من كان رسول الله صلى الله عليه وسلم مستخلفا لو استخلفه؟ قالت: أبو بكر فقيل لها: ثم من بعد أبي بكر؟ قالت: عمر ثم قيل لها من بعد عمر؟ قالت: أبو عبيدة بن الجراح (صحيح مسلم، الرقم: ٢٣٨٥) हज़रत ‘आइशा रज़ियल्लाहु ‘अन्हा से एक …
और पढ़ो »मुअक्कद-सुन्नत को मस्जिद में पढ़ना
हज़रत मौलाना अशरफ़ अली थानवी (रह़िमहुल्लाह) ने एक बार इर्शाद फ़रमाया: फर्ज़ के अलावा जो नमाज़ है, उन…
हज़रत अब्दुर्रह़मान बिन औफ़ रद़ियल्लाहु अन्हु की सखावत
أوصى سيدنا عبد الرحمن بن عوف رضي الله عنه لكل من شهد بدرا بأربعمائة دينار، فكانوا مائة رجل (كان مائة…
दुरूद शरीफ़ पढ़ने से सदक़े का षवाब
عن أبي سعيد الخدري رضي الله عنه عن رسول الله صلى الله عليه وسلم قال: أيما رجل مسلم لم تكن عنده صدقة …
पुल-सिरात पर मदद
عن عبد الرحمن بن سمرة رضي الله عنه قال: خرج علينا رسول الله صلى الله عليه وسلم فقال: إني رأيت البارح…
रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम की ज़बाने-मुबारक से हज़रत अब्दुर्रह़मान बिन औफ़ रद़ियल्लाहु अन्हु की तारीफ़
شكا سيدنا عبد الرحمن بن عوف رضي الله عنه رجلا يؤذيه إلى رسول الله صلى الله عليه وسلم. فقال رسول الله…
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फज़ाइले-आमाल – २३
अल्लाह के ख़ौफ़ के मुतफर्रिक अह़्वाल कुर्आन-शरीफ़ की आयात और हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम की अह़ादीस और बुज़ुर्गों के वाक़िआत में अल्लाह जल्ल शानुहू से डरने से मुतअल्लिक जितना कुछ ज़िक्र किया गया है, उसका इह़ाता तो दुश्वार है लेकिन मुख़्तसर तौर पर इतना समझ लेना चाहिए कि दीन के …
और पढ़ो »रसूले-अकरम सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम की मुबारक ज़बान से हज़रत अबू-‘उबैदा रद़िय अल्लाहु अन्हु की तारीफ़
एक मर्तबा रसूले-अकरम सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने हज़रत अबू-‘उबैदह रद़िय अल्लाहु अन्हु की तारीफ़ करते हुए फ़र्माया: نعم الرجل أبو عبيدة بن الجراح (سنن الترمذي، الرقم: ٣٧٩٥) अबू-‘उबैदह बिन जर्राह़ (रद़िय अल्लाहु अन्हु) बहुत अच्छे इन्सान हैं। हज़रत अबू-उबैदा रद़िय अल्लाहु अन्हु का दुनिया के माल-सामान से पहलू बचाना जब …
और पढ़ो »फज़ाइले-आमाल – २२
हज़रत ज़ैद बिन हारिसा रद़िय अल्लाहु अन्हु का अपने बाप को इन्कार हजरत ज़ैद बिन हारिसा रद़िय अल्लाहु अन्हु ज़माना-ए-जाहिलिय्यत में अपनी वालिदा (मां) के साथ ननिहाल जा रहे थे। बनू-क़ैस ने क़ाफ़िला को लूटा, जिस में ज़ैद रद़िय अल्लाहु अन्हु भी थे। उन को मक्का के बाज़ार में लाकर …
और पढ़ो »फज़ाइले-आमाल – २१
हज़रत हंज़ला रद़िय अल्लाहु अन्हु को निफ़ाक़ का डर हजरत हंजला रद़िय अल्लाहु अन्हु कहते हैं कि एक मर्तबा हम लोग हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम की मज्लिस में थे। हुजूरे-अक़्दस सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने व’अज़ (बयान,नसीहत) फ़रमाया, जिससे क़ुलूब (दिल) नर्म हो गए और आंखों से आंसू बहने लगे और …
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