हज़रत मौलाना अशरफ अली थानवी रह़िमहुल्लाह ने एक मर्तबा इर्शाद फ़रमाया: एक बड़े फ़ाज़िल यहां आए और मुझ से कहा कि कुछ नसीहत कीजिए। मैंने कहा कि आप तो खुद आलिम हैं। मैं आप को क्या नसीहत करूं? उन्होंने फिर इसरार किया। मैंने कहा: मुझे तो बस एक ही सबक …
और पढ़ो »मरीज़ की इयादत की सुन्नतें और आदाब – १
मरीज से इयादत दीने-इस्लाम इस बात का हुक्म देता है कि इन्सान अल्लाह तआला के हुकूक और उसके बंदों के हु…
रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम का मुबारक नाम सुन कर दुरूद पढ़ने का षवाब
हज़रत अनस बिन मालिक (रज़ि.) से मरवी है के रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने इरशाद फ़रमाया के “…
हज़रत सईद बिन-ज़ैद रद़ियल्लाहु अन्हु का बुलंद मक़ाम
قال سعيد بن جبير رحمه الله: كان مقام أبي بكر وعمر وعثمان وعليّ وسعد وسعيد وطلحة والزّبير وعبد الرّحم…
हज़रत उस्मान रद़ियल्लाहु अन्हु की शहादत पर हज़रत सईद बिन-ज़ैद रद़ियल्लाहु अन्हु का हुज़्न-व-ग़म
بعدما قتل البغاةُ سيدنا عثمان رضي الله عنه في المدينة المنورة، خاطب سيدنا سعيد بن زيد -وكان في الكوف…
ख़ैर तलब करना
उहद की लड़ाई में हुज़ूरे अक़दस (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने दरयाफ़्त फ़रमाया के सअद बिन रबीअ (रज़ि.)…
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फज़ाइले-आमाल – २४
तीसरा बाब सहाबा किराम रज़ियल्लाहु अन्हुम अज्मईन के ज़ुह्द्द और फ़क़र के बयान में इस बारे में खुद नबी-ए-अकरम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का अपना मामूल और वाक़िआत, जो इस अम्र पर दलालत करते हैं कि यह चीज हुज़र सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम की खुद इख्तियार फ़रमायी हुई और पसन्द की हुई …
और पढ़ो »क़यामत की निशानियां
दज्जाल के फ़ित्नो से कैसे बचें? मुबारक हदीसों में रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने अपनी उम्मत को हर ज़माने के फ़ित्नो और खास तौर पर दज्जाल के फ़ित्नो से हिफाज़त का तरीका सिखाया है; चुनांचे एक हदीस शरीफ में है कि हज़रत उक़्बा बिन आमिर रज़ियल्लाहु अन्हु ने एक मर्तबा …
और पढ़ो »दुरूदे इब्राहीम
عن عبد الرحمن بن أبي ليلى قال لقيني كعب بن عجرة فقال ألا أهدي لك هدية سمعتها من النبي صلى الله عليه وسلم فقلت بلى فأهدها لي فقال سألنا رسول الله صلى الله عليه وسلم فقلنا يا رسول الله كيف الصلاة عليكم أهل البيت فإن الله قد علمنا كيف نسلم عليكم ...
और पढ़ो »हज़रत तल्हा रज़ियल्लाहु अन्हु का अपना ‘अहद पूरा करना
रसूलु-ल्लाह सल्ल-ल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने एक बार फ़रमाया: طلحة ممن قضى نحبه (أي ممن وفوا بعهدهم من الثبات في مواطن القتال والاستعداد لبذل النفوس للدين) (جامع الترمذي، الرقم: ٣٢٠٣) तल्हा उन सहाबा में से हैं जिन्होंने अपना अहद (प्रतिज्ञा) पूरा किया (कि वो दीन के खातिर जंग के मैदान में …
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