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हज़रत सईद बिन-ज़ैद रद़ियल्लाहु अन्हु के ग़ुस्ल में हज़रत साद बिन-अबी वक़्क़ास और हज़रत अब्दुल्लाह बिन-उमर रद़ियल्लाहु अन्हुम की शिरकत

لما توفي سيدنا سعيد بن زيد رضي الله عنه، كان سيدنا سعد بن أبي وقاص  وسيدنا عبد الله بن عمر رضي الله عنهما ممن غسّله (من مجمع الزوائد، الرقم: ١٤٨٨٠ وصحيح البخاري، الرقم: ٣٩٩٠) जब हज़रत सईद बिन-ज़ैद रद़ियल्लाहु अन्हु का इन्तिक़ाल हुआ, तो हज़रत साद बिन-अबी वक़्क़ास और हज़रत …

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सुन्नते-ए-मुअकद्दह न पढ़ने वाला

सवाल: अगर कोई आदमी सिर्फ फर्ज़ नमाज़ पढ़े और सुन्नते-ए-मुअकद्दह को पढ़ना छोड़ दे तो उसका क्या हुक्म है? क्या सुन्नते-ए-मुअकद्दह को छोड़कर सिर्फ फ़र्ज़ नमाज़ पढ़ना गुनाह है? जवाब: अगर कोई सिर्फ फ़र्ज़ नमाज़ पर बस करे और वाजिब नमाज़ (वित्र नमाज़) और सुन्नते-ए-मुअकद्दह न पढ़े तो गुनहगार होगा। …

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ज़कात की सुन्नतें और आदाब – १

ज़कात इस्लाम के पांच बुनियादी अरकान में से एक अहम रुकन है। ज़कात सन २ हिजरी में रमज़ान के रोज़े से पेहले फर्ज़ हूई थी। कुराने-करीम में बहुत सी आयत और रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम की बहुत सी हदीस में ज़कात अदा करने की फ़ज़ीलत और अज़ीम सवाब बयान किया …

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दुरूद शरीफ़ रिज़्क़ में बरकत का ज़रीआ

हज़रत सहल बिन सअद (रज़ि) फ़रमाते हैं के एक मर्तबा एक सहाबी नबीए करीम (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) की ख़िदमत में हाज़िर हुवे और आप से ग़रीबी तथा धन के अभाव की शिकायत. तो नबीए करीम (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने उन से फ़रमाया के...

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सहाबा-ए-किराम रद़ियल्लाहु अन्हुम के लिये हज़रत सईद बिन-ज़ैद रद़ियल्लाह अन्हु की दुआ

ذات مرة، طلب بعض الناس من سيدنا سعيد بن زيد رضي الله عنه أن يسبّ بعض الصحابة رضي الله عنهم، فقال سيدنا سعيد رضي الله عنه: تأمروني بسب إخواني، بل صلى الله عليهم (خصهم برحمته)، ثم تكلم عن فضلهم وبكى (المسند للشاشي، الرقم: ١٩٣) एक मर्तबा कुछ लोगो ने हज़रत …

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