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दस ग़ुलाम आज़ाद करने का सवाब

عن البراء بن عازب رضي الله عنه أن النبي صلى الله عليه وسلم قال: من صلى علي كتب الله عز وجل له بها عشر حسنات ومحا عنه بها عشر سيئات ورفعه بها عشر درجات وكن به عدل عتق عشر رقاب (الصلاة على النبي لابن أبي عاصم، الرقم: 52، وقد ذكره …

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जंगे-उहुद में हज़रत तल्हा रज़ियल्लाहु अन्हु का हमा-वक़्त रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम के साथ रहना

एक मर्तबा रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने सहाबा-ए-किराम रज़ियल्लाहु अन्हुम को मुखातिब कर के फ़रमाया: ألا أخبركم عن يوم أحد وما معي إلا جبريل عن يميني وطلحة عن يساري (المعجم الأوسط، الرقم: ٥٨١٦، المستدرك للحاكم، الرقم: ٥٦١٦) क्या मैं तुम्हें गज़्व-ए-उहुद के दिन की खबर न दूं; जब मेरी दाईं …

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रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम) के साथ दूसरे अंबिया (अलैहिस्सलाम) पर दुरूद भेजना

عن أنس رضي الله عنه قال : قال رسول الله صلى الله عليه وسلم : خرج جبريل عليه السلام من عندي آنفا يخبرني عن ربه عز وجل : ما على الأرض مسلم صلى عليك واحدة إلا صليت عليه أنا وملائكتي عشرا...

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ज़कात की सुन्नतें और आदाब – १

ज़कात इस्लाम के पांच बुनियादी अरकान में से एक अहम रुकन है। ज़कात सन २ हिजरी में रमज़ान के रोज़े से पेहले फर्ज़ हूई थी। कुराने-करीम में बहुत सी आयत और रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम की बहुत सी हदीस में ज़कात अदा करने की फ़ज़ीलत और अज़ीम सवाब बयान किया …

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