सवाल – अगर कोई शख़्स बिना शर’ई उज़्र के तवाफ़ और तवाफ़-ए-विदा’ छोड़ दे तो क्या उस पर दम वाजिब होगा?
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1 day ago
सभी विचारों और भावनाओं की पर्याप्तता
عن أبي بن كعب رضي الله عنه قال قلت يا رسول الله إني أكثر الصلاة عليك فكم أجعل لك من صلاتي ؟... …
2 days ago
मुअक्कद-सुन्नत को मस्जिद में पढ़ना
हज़रत मौलाना अशरफ़ अली थानवी (रह़िमहुल्लाह) ने एक बार इर्शाद फ़रमाया: फर्ज़ के अलावा जो नमाज़ है, उन…
2 days ago
हज़रत अब्दुर्रह़मान बिन औफ़ रद़ियल्लाहु अन्हु की सखावत
أوصى سيدنا عبد الرحمن بن عوف رضي الله عنه لكل من شهد بدرا بأربعمائة دينار، فكانوا مائة رجل (كان مائة…
1 week ago
दुरूद शरीफ़ पढ़ने से सदक़े का षवाब
عن أبي سعيد الخدري رضي الله عنه عن رسول الله صلى الله عليه وسلم قال: أيما رجل مسلم لم تكن عنده صدقة …
2 weeks ago
पुल-सिरात पर मदद
عن عبد الرحمن بن سمرة رضي الله عنه قال: خرج علينا رسول الله صلى الله عليه وسلم فقال: إني رأيت البارح…
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हैज (माहवारी) या नीफास की वजह से तवाफे विदाअ छोड देना
सवाल – क्या औरत के लिए हैज़ या निफ़ास की वजह से तवाफ़-ए-विदा’ छोड़ना जायज़ है? (हैज़=औरत के मासिक धर्म का खून) (निफा़स= वो खून जो औरत को बच्चा जनने से चालीस रोज़ तक टपकता रहता है)
और पढ़ो »हालते एहराम में चेहरा छुपाने की वजह से दम की अदायगी (भुगतान)
सवाल – अगर कोई औरत एहराम की हालत में अपना चेहरा ढांप ले, तो क्या उस पर दम वाजिब होगा?
और पढ़ो »हालते एहराम में चेहरे का परदा
सवाल – औरत के लिये हालते एहराम में चेहरे के परदे के बारे में शरीयत का क्या हुकम है?
और पढ़ो »हालते हैज (माहवारी) में तवाफे जियारत करना
सवाल – हज के दरमियान, तवाफे-जि़यारत से पेहले औरत (महिला) को हैज़ (माहवारी) शुरू हो जाए तो क्या वह हैज़ की हालत (माहवारी) में ज़ियारत कर सकती है?
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