सवाल – ज़कात किस पर फ़र्ज है ...
और पढ़ो »इयादते-मरीज़ की सुन्नतें और आदाब – २
इयादते-मरीज़ के फज़ाइल सत्तर हज़ार फ़रिश्तों की दुआ का हुसूल हज़रत अली रद़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत ह…
दुरूद शरीफ़ ग़ुर्बत दूर करने का ज़रीआ
हज़रत अबु हुरैरह (रज़ि.) से रिवायत है के एक मर्तबा नबीए करीम (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने फ़रमाया के…
हज़रत बिलाल रद़ियल्लाहु अन्हु – हब्शियों में सबसे पहले मुसलमान
عن سيدنا أنس رضي الله عنه أنه قال: قال رسول الله صلى الله عليه وسلم: السباق (أقوامهم إلى الإسلام) أر…
एक मोमिन की ज़िंदगी पर नमाज़ का बड़ा असर
हज़रत मौलाना मुहम्मद इल्यास साहिब रह़िमहुल्लाह ने एक मर्तबा इर्शाद फरमाया: हमारे नज़दीक इस्लाह की तर…
सो (१००) हाजतो का पूरा करना
हजीर जाबिर (रज़ि.) से रिवायत है के रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने इरशाद फ़रमाया के “जो व्यक…
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वुज़ू की सुन्नतें और आदाब-भाग-८
२२) हर अंग को अच्छी तरह रगड़ना यहां तक के इस बात का यक़ीन हो जाए के पानी हर अंग को पहोंच गया है. २३) तमाम अंग को पै दर पै यानी एक अंग को दूसरे अंग के बाद बगैर किसी ताख़िर के धोना. २४) वुज़ू के दौरान दुन्यवी उमूर के मुतअल्लीक बात चीत न करना...
और पढ़ो »मुसलमान औरत(स्त्री) की ग़ैर मौजूदगी में मुसलमान औरत को ग़ुसल देने के अहकाम(आदेश)
अगर किसी की बीवी(पत्नी) का इन्तेक़ाल(मृत्यु) हो जाए और उस को ग़ुसल देने वाली कोई मुस्लिम औरत(स्त्री) मौजूद न हो, फिर भी शोहर(पति) के लिए जाईज़ नहीं है के उस को ग़ुसल दे या उस के बदन को नंगे हाथ मस करे...
और पढ़ो »वुज़ू की सुन्नतें और आदाब-भाग-७
१९) जब वुज़ू मुकम्मल हो जाए, तो कलीमए शहादत पढना (अगर आप खुली जगह में हें, तो कलीमए शहादत पढते हुए आसमान की तरफ़ देखें). नीज़ अहादिसे मुबारका में वारिद दीगर मस्नून दुआऐं पढना. नीचे कुछ मस्नून दुआऐं नक़्ल की जाती हैं, जो वुज़ू के अंत में पढी जाए...
और पढ़ो »मुतफ़र्रिक़ मसाईल
अगर ग़ुसल देने वाला मुसलमान आदमी मौजूद न हो, तो मुरदा आदमी को कैसे ग़ुसल दिया जाए? अगर किसी आदमी का इन्तिक़ाल(मृत्यु) हो जाए और उस को ग़ुसल देने वाला कोई मुसलमान आदमी मौजूद न हो...
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