(१) बयतुलख़ला में न खाना और न पीना. (२) बयतुलख़ला में ज़रूरत से ज़्य़ादा वक्त न गुजारना.[१] अगर बयतुलख़ला चंद लोगों के दरमियान मुशतरक हो या वह बयतुलख़ला सब के लिए हो, तो ज़रूरत से ज़्य़ादा वक़्त सर्फ़ करना, दुसरों के लिए तकलिफ़ का कारन होगा. (३) अकडुं बैठ कर …
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हज़रत तल्हा रज़ियल्लाहु अन्हु के लिए जन्नत की बशारत
रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने इर्शाद फ़रमाया: عبد الرحمن في الجنة (أي: هو ممن بشّر بالجنة ف…
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फ़रिश्तों की मुसलसल दुआ
عَن عَامِر بن رَبِيَعَة رَضِي اللهُ عَنهُ عَن النّبي صَلَّى اللهُ عَلَيهِ وَ سَلَّمَ قَالَ مَا مِن م…
2 weeks ago
दुरूद लिखने वाले फ़रिश्ते
عن عقبة بن عامر رضي الله عنه قال : قال رسول الله صلى الله عليه وسلم : إن للمساجد أوتادا جلساؤهم المل…
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हज़रत अब्दुर्रहमान बिन औफ़ रज़ियल्लाह अन्हु एक बेहतरीन मुसलमान
नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने हज़रत अब्दुर्रहमान बिन औफ़ रज़ियल्लाह अन्हु के बारे में फ़रमा…
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अज़ान के बाद दुरूद-शरीफ़ पढ़ना
عن عبد الله بن عمرو بن العاص رضي الله عنهما أنه سمع النبي صلى الله عليه وسلم يقول: إذا سمعتم المؤذن …
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बयतुल ख़ला की सुन्नतें और आदाब- (भाग-४)
८) इस्तिन्जा के लिए बायें हाथ का इस्तिमाल करना. दायें हाथ से इस्तिन्जा करना नाजाईज़ है.
عن عبد الله بن أبي قتادة عن أبيه رضي الله عنه عن النبي صلى الله عليه وسلم قال إذا بال أحدكم فلا يأخذن ذكره بيمينه ولايستنجي بيمينه (صحيح البخاري، الرقم:۱۵٤۔۔۔
और पढ़ो »बयतुलख़ला की सुन्नतें और आदाब-(भाग-३)
६) इज़ार (पतलून) और लुंगी वग़ैरह खङें हो कर न उतारना, बल्कि ज़मीन के क़रीब हो कर उतारना (जब बेठने लगे, तब खोलना) ताकि कम से कम सतर ज़ाहिर हो.[1]
عن ابن عمر رضي الله عنهما قال كان النبي صلى الله عليه وسلم إذا أراد الحاجة لا يرفع ثوبه حتى يدنو من الأرض (سنن أبي داود، الرقم: ١٤)...
और पढ़ो »बयतुलख़ला की सुन्नतें और आदाब- (भाग-२)
३) बयतुलख़ला में दाख़िल होने से पेहले हर उस चीज़ (मसलन अंगूठी,चैन) को नीकाल देना, ज़िस पर अल्लाह तबारक व तआला या रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलयहि व सल्लम) का नाम लिखा हुवा या क़ुरआने करिम की कोई आयत दर्ज हो... और पढ़ो »
बयतुलख़ला की सुन्नतें और आदाब- (भाग-१)
हज़रत जाबिर (रज़ि.) से रिवायत है के नबी (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) “क़ज़ाए हाजत के लिए एसी जगह तशरीफ़ ले जाते के कोई न देख सके.”...
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