२२) हर अंग को अच्छी तरह रगड़ना यहां तक के इस बात का यक़ीन हो जाए के पानी हर अंग को पहोंच गया है. २३) तमाम अंग को पै दर पै यानी एक अंग को दूसरे अंग के बाद बगैर किसी ताख़िर के धोना. २४) वुज़ू के दौरान दुन्यवी उमूर के मुतअल्लीक बात चीत न करना...
और पढ़ो »हज़रत सईद बिन-ज़ैद रद़ियल्लाहु अन्हु को अपने वालिद की मग्फ़िरत की फिक्र
جاء سيدنا سعيد بن زيد رضي الله عنه مرة إلى النبي صلى الله عليه وسلم فقال: يا رسول الله إن (أبي) زيدا…
दस नेकियों का हासिल होना
عن أبي هريرة قال قال رسول الله صلى الله عليه وسلم من صلى علي مرة واحدة كتب الله عز وجل له بها عشر حس…
सवाब ठोस भरकर मिलेगा
عن أبي هريرة رضي الله عنه قال قال رسول الله صلى الله عليه وسلم من سره أن يكتال بالمكيال الأوفى إذا ص…
हज़रत सईद बिन-ज़ैद रद़ियल्लाहु अन्हु के दिल में सहाबा-ए-किराम रद़ियल्लाहु अन्हुम का अज़ीम एहतिराम
ذات مرة، خاطب سيدنا سعيد بن زيد رضي الله عنه الناس فأقسم بالله وقال: والله لمشهد شهده رجل يغبر فيه و…
दस रहमतों का हुसूल
عن أبي هريرة أن رسول الله صلى الله عليه وسلم قال: من صلى علي واحدة صلى الله عليه عشرا... …
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मुसलमान औरत(स्त्री) की ग़ैर मौजूदगी में मुसलमान औरत को ग़ुसल देने के अहकाम(आदेश)
अगर किसी की बीवी(पत्नी) का इन्तेक़ाल(मृत्यु) हो जाए और उस को ग़ुसल देने वाली कोई मुस्लिम औरत(स्त्री) मौजूद न हो, फिर भी शोहर(पति) के लिए जाईज़ नहीं है के उस को ग़ुसल दे या उस के बदन को नंगे हाथ मस करे...
और पढ़ो »वुज़ू की सुन्नतें और आदाब-भाग-७
१९) जब वुज़ू मुकम्मल हो जाए, तो कलीमए शहादत पढना (अगर आप खुली जगह में हें, तो कलीमए शहादत पढते हुए आसमान की तरफ़ देखें). नीज़ अहादिसे मुबारका में वारिद दीगर मस्नून दुआऐं पढना. नीचे कुछ मस्नून दुआऐं नक़्ल की जाती हैं, जो वुज़ू के अंत में पढी जाए...
और पढ़ो »मुतफ़र्रिक़ मसाईल
अगर ग़ुसल देने वाला मुसलमान आदमी मौजूद न हो, तो मुरदा आदमी को कैसे ग़ुसल दिया जाए? अगर किसी आदमी का इन्तिक़ाल(मृत्यु) हो जाए और उस को ग़ुसल देने वाला कोई मुसलमान आदमी मौजूद न हो...
और पढ़ो »मय्यित का चेहरा देखना और फ़ोटो खींचना
(१) सिर्फ महरम औरत के लिए जाईज़ है के मय्यित(मर्द) का चेहरा देखे. (२) इसी तरह सिर्फ महरम मर्द के लिए जाईज़ है के उस मय्यिता(औरत) का चेहरा देखे...
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