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तरावीह की नमाज़ के लिए जाने से पेहले मस्जिद में इशा की नमाज़ अदा करना

सवाल – रमज़ान के महीने में बहोत से लोग तरावीह की नमाज़ मस्जिद में नही पढ़ते हैं, बल्कि अपने धरों और कारख़ानों में बाजमाअत पढ़ते हैं, चुंके वह उन्हीं जगहों में तरावीह की नमाज़ पढ़ते हैं, तो वह उधर इशा की नमाज़ भी पढ़ते हैं, वह मस्जिद में इशा की …

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कारख़ाने के अधूरे तैयार किये हुए माल पर ज़कात

सवाल:– मेरे पास कपड़ा तैयार करने का कारख़ाना है। मैं सब से पेहले विदेश से सूत हासिल करता हूं, और फिर उसी सूत से कपड़े तैयार करता हूं. जब कपड़े तैयार हो जाते हैं तो मैं उन कपड़ों को बाज़ मख़सूस कंपनीयों को दस फ़ीसद के नफ़ा के साथ फ़रोख़्त …

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