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रमज़ान के महीने में दिन में सफ़र शुरूअ करने वाले पर रोज़ा

सवाल – एक शख़्स रमज़ान में दिन के वक्त सफ़र शुरू करने वाला है और सुबह सादिक़ के वक्त (जिस समय रोज़ा शुरूअ होता है) वह अपने इलाक़े ही में है, और मुसाफिर नहीं है तो क्या उस के लिए रोज़ा न रखना जाईज़ है?

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रोज़े को फ़ासिद समझ कर जानबुझ कर खाना पीना

सवाल – किसी ने रोज़े के दौरान भूल कर कुछ खा लिया, उस के बाद यह सोच कर के रोज़ा टूट चुका है, जानबूझ कर कुछ खा लिया, तो क्या उस से रोज़ा फ़ासिद हो गया? अगर रोज़ा फ़ासिद हुवा, तो क़ज़ा के साथ कफ़्फ़ारह भी लाज़िम होगा या मात्र …

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तिजारत के सामान के मुख़तलिफ़ चीज़ों पर ज़कात

सवाल:– अगर कोई आदमी मुख़तलिफ़ किस्म के सामान ख़रिद ले जो ख़ूद फ़रोख़्त होने वाले नहीं है, लेकिन उन के ज़रीए तिजारत के सामान बनाए जाते हैं, जैसे तिजारत का सामान कुर्ता है, कुर्ता बनाने के लिए कपड़ा, धागा, बटन वग़ैरह की ज़रूरत होती है. कुर्ता बनाने से पहले जब …

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