हज़रत ज़ैद बिन हारिसा रद़िय अल्लाहु अन्हु का अपने बाप को इन्कार हजरत ज़ैद बिन हारिसा रद़िय अल्लाहु अन्हु ज़माना-ए-जाहिलिय्यत में अपनी वालिदा (मां) के साथ ननिहाल जा रहे थे। बनू-क़ैस ने क़ाफ़िला को लूटा, जिस में ज़ैद रद़िय अल्लाहु अन्हु भी थे। उन को मक्का के बाज़ार में लाकर …
और पढ़ो »हज़रत तल्हा रज़ियल्लाहु अन्हु के लिए जन्नत की बशारत
रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने इर्शाद फ़रमाया: عبد الرحمن في الجنة (أي: هو ممن بشّر بالجنة ف…
फ़रिश्तों की मुसलसल दुआ
عَن عَامِر بن رَبِيَعَة رَضِي اللهُ عَنهُ عَن النّبي صَلَّى اللهُ عَلَيهِ وَ سَلَّمَ قَالَ مَا مِن م…
दुरूद लिखने वाले फ़रिश्ते
عن عقبة بن عامر رضي الله عنه قال : قال رسول الله صلى الله عليه وسلم : إن للمساجد أوتادا جلساؤهم المل…
हज़रत अब्दुर्रहमान बिन औफ़ रज़ियल्लाह अन्हु एक बेहतरीन मुसलमान
नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने हज़रत अब्दुर्रहमान बिन औफ़ रज़ियल्लाह अन्हु के बारे में फ़रमा…
अज़ान के बाद दुरूद-शरीफ़ पढ़ना
عن عبد الله بن عمرو بن العاص رضي الله عنهما أنه سمع النبي صلى الله عليه وسلم يقول: إذا سمعتم المؤذن …
નવા લેખો
फज़ाइले-आमाल – २१
हज़रत हंज़ला रद़िय अल्लाहु अन्हु को निफ़ाक़ का डर हजरत हंजला रद़िय अल्लाहु अन्हु कहते हैं कि एक मर्तबा हम लोग हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम की मज्लिस में थे। हुजूरे-अक़्दस सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने व’अज़ (बयान,नसीहत) फ़रमाया, जिससे क़ुलूब (दिल) नर्म हो गए और आंखों से आंसू बहने लगे और …
और पढ़ो »हज़रत अबू-उबैदा रद़ियल्लाहु अन्हु पर हज़रत उमर रद़ियल्लाहु अन्हु का भरोसा
عيّن سيدنا عمر رضي الله عنه قبل موته ستة من الصحابة الكرام رضي الله عنهم وأمرهم باختيار الخليفة من بينهم، وقال حينئذ: ولو كان أبو عبيدة حيا لاستخلفته (على المسلمين) (تفسير ابن كثير ٨/٥٤) हज़रत ‘उमर रद़िय अल्लाहु अन्हु ने अपने इन्तिकाल से पहले छह सहाबा-ए-किराम रद़िय अल्लाहु अन्हुम की …
और पढ़ो »रौशनी के पेजों में दुरूद शरीफ़ लिखना
عن علي رضي الله عنه قال: قال رسول الله صلى الله عليه وسلم: إن لله ملائكة خلقوا من النور لا يهبطون إلا ليلة الجمعة ويوم الجمعة بأيديهم أقلام من ذهب ودويّ من فضّة وقراطيس من نور لا يكتبون إلا الصلاة على النبي صلى الله عليه وسلم أخرجه الديلمي وسنده ضعيف …
और पढ़ो »दुवा की सुन्नतें और आदाब – ५
(१) दुआ के शुरू में अल्लाह तआला की ह़म्द-ओ-सना बयान करें और उस के बाद नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु अलैही व-सल्लम पर दुरूद भेजें, फिर इन्तिहाई आजिज़ी-व-ख़ाकसारी और अदब-ओ-आदर के साथ अल्लाह तआला के सामने अपनी ज़रूरतें पेश करें। हज़रत फ़ुज़ाला बिन उबैदुल्लाह रद़िय अल्लाहु अन्हू फ़रमाते हैं कि एक मर्तबा रसूलुल्लाह …
और पढ़ो »