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नमाज़े जनाज़ा के सहीह होने की शरतें

जनाज़े की नमाज़ के सहीह होने के लिए दो क़िसम की शरतें हैः (१) नमाज़ से मुतअल्लिक़ शरतें और (२) मय्यित से मुतअल्लिक़ शरतैं. नमाज़ से मुतअल्लिक़ शराईतः जनाज़े की नमाज़ की सिहत के लिए बिअयनिही वह शरतें हैं, जो आम नमाज़ों की सिहत के लिए ज़रूरी हैं यअनीः (१) …

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किराऐ पर ज़कात

सवाल – क्या किराए की रक़म पर ज़कात फ़र्ज़ है यानी अगर किराए दार ने किराए की रक़म मकान के मालिक को अदा नहीं की है तो क्या मकान के मालिक पर किराए की रक़म की ज़कात फ़र्ज़ होगी और अगर कई सालों के बाद किरायादार किराया अदा करे तो …

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अज़ान और इक़ामत की सुन्नतें और आदाब-(भाग-१)

जब रसूलुल्लाह(सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) हिजरत कर के मदीना मुनव्वरा पहुंचे, तो आप ने वहां मस्जिद का निर्माण किया. मस्जिद के निर्माण के बाद आप(सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम)ने सहाबए किराम(रज़ि.) से लोगों को नमाज़ के लिए मस्जिद में बुलाने के तरीक़े के सिलसिले में मश्वरा किया...

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