नबीए करीम (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने अपनी वफ़ात से पेहले हज़रत फ़ातिमा (रज़ि.) को ख़ुश ख़बरी दी थी के “तुम जन्नत की सारी औरतों की मलिका (रानी) बनोगी”...
और पढ़ो »हज़रत उम्मे-सलमह रद़ियल्लाहु अन्हा की हज़रत सईद बिन-ज़ैद रद़ियल्लाहु अन्हु को अपनी नमाज़े-जनाज़ा पढ़ाने की वसीयत
أوصت أم المؤمنين السيدة أم سلمة رضي الله عنها أن يصلي عليها سعيد بن زيد رضي الله عنه (مصنف ابن أبي ش…
तजीयत की सुन्नतें और आदाब – 1
मुसीबतज़दा लोगों के साथ ताज़ियत (संवेदना व्यक्त करना) इस्लाम एक सम्पूर्ण और व्यापक जीवन-प्रणाली है। …
एक दुरूद के बदले सत्तर इनाम
عن عبد الرحمن بن مريح الخولاني قال سمعت أبا قيس مولى عمرو بن العاصي يقول: سمعت عبد الله بن عمرو يقول…
अल्लाह त’आला की बेपनाह रहमतें
عن ابن عمر وأبي هريرة رضي الله عنهم قالا قال رسول الله صلى الله عليه وسلم صلوا علي صلى الله عليكم...…
मस्जिद के काम
हज़रत मौलाना मुहम्मद इल्यास साहब (रह़िमहुल्लाह) ने एक मर्तबा इर्शाद फ़रमाया: मस्जिदें, मस्जिदे-नबवी …
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जनाज़े की नमाज़ में ताख़ीर (देरी)
बड़ी जमाअत की उम्मीद में जनाज़े की नमाज़ में देर करना मकरूह है. इसी तरह अगर किसी का जुम्आ के दिन इन्तिक़ाल हो जाए, तो यह उम्मीद कर के जुम्आ की नमाज़ के बाद ज़्यादह लोग जनाज़े की नमाज़ में शिर्कत करेंगे, जनाज़े की नमाज़ में देर करना मकरूह है...
और पढ़ो »महबूब आक़ा का फ़रमान
शेख़ुल हदीष हज़रत मौलाना मुहम्मद ज़करिय्या साहब (रह.) ने एक मर्तबा इरशाद फ़रमायाः “लोग अपने पूर्वजो से, ख़ानदान से और इसी तरह बहोत सी चीज़ों से अपनी शराफ़त तथा बड़ाई ज़ाहिर किया करते हैं, उम्मत के लिए गर्व का ज़रीआ कलामुल्लाह शरीफ़ है के उस के पढ़ने से उस के …
और पढ़ो »मस्ज़िद की सुन्नतें और आदाब- (भाग-५)
रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने इरशाद फ़रमाया के “जिस व्यक्ति ने जुम्आ के दिन लोगों की गरदनें फांदी, उस ने (अपने लिए) जहन्नम में जाने का पुल बना लिया.”...
और पढ़ो »दुरूद शरीफ़ ग़ुर्बत दूर करने का ज़रीआ
हज़रत अबु हुरैरह (रज़ि.) से रिवायत है के एक मर्तबा नबीए करीम (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने फ़रमाया के मुझे किसी आदमी के माल से इतना नफ़ा नहीं हुवा जितना मुझे हज़रत अबु बक्र सिद्दीक़ (रज़ि.) के माल से नफ़ा हुवा...
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