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तवाफ़-ए-ज़ियारत को क़ुर्बानी के दिनों के बाद तक अनावश्यक रूप से स्थगित करना

सवाल – अगर हाजी ने शर’ई उज़्र के बिना कुर्बानी के दिनों के बाद तक तवाफ़-ए-ज़ियारत को टाल दे तो शरीयत में उस का क्या हुक्म है? जवाब – तवाफ़-ए-ज़ियारत को बिना शर’ई उज़्र के कुर्बानी के दिनों के बाद तक टालना जायज़ नहीं है। अगर किसीने इतनी देरी कर …

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ज़ियारत या उमरा का तवाफ़ बिना वज़ू किए करना

सवाल – अगर कोई शख्स बिना वुज़ू के तवाफ़-ए-ज़ियारत या उमरा का तवाफ करे, तो शरीयत में उस का क्या हुक्म है? जवाब – उस पर एक दम वाजिब होगा; लेकिन, अगर वह वुज़ू करके उस तवाफ को फिरसे कर ले, जो वुज़ू के बगैर किया था, तो उस से …

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तवाफ़ के दौरान वुज़ू तोड़ना

सवाल – अगर तवाफ़ के दौरान किसी शख्स का वुज़ू टूट जाए तो उसे क्या करना चाहिए? जवाब – अगर तवाफ़ के दौरान किसी शख्स का वुज़ू टूट जाए, तो उसे चाहिए कि फौरन दोबारा वुज़ू करे और फिर से तवाफ़ शुरू करे। अगर वह चाहे तो वो उस जगह …

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प्रस्तावना

अल्लाह त’आला ने इन्सानों को बेशुमार नेमतों से नवाज़ा है और अल्लाह त’आला की हर नेमत बहुत बड़ी है, लेकिन दीन की नेमत सबसे बड़ी और ‘अज़ीम नेमत है; क्योंकि दीन ही के ज़रिए इन्सान को आखिरत में नजात मिलेगी, उसको जहन्नम के हमेशा के अज़ाब से छुटकारा मिलेगा और …

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कोहे हिरा का खुशी से झूमना

ذات مرة، صعد رسول الله صلى الله عليه وسلم جبل حراء ومعه أبو بكر وعمر وعثمان وعلي وطلحة، والزبير وسعد بن أبي وقاص رضي الله عنهم فتحرك (الجبل ورجف)، فقال رسول الله صلى الله عليه وسلم: اسكن حراء فما عليك إلا نبي أو صديق أو شهيد (من صحيح مسلم، الرقم: …

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