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क़ुर्बानी के दिनों में साहिबे निसाब होने वाले पर कुर्बानी

सवाल – एक शख़्स पर साहिबे निसाब न होने की वजह से कुर्बानी वाजिब नहीं थी, मगर बारह ज़िल-हिज्जह को सूरज के ग़ुरूब होने से पहले वह निसाब के बराबर माल का मालिक बन गया, तो क्या उस पर कुर्बानी वाजिब होगी?

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मिस्वाक की सुन्नतें और आदाब-(भाग-६)

मिस्वाक के फ़ज़ाईल(श्रेष्ठताऐं) عن عائشة قالت قال رسول الله صلى الله عليه وسلم فضل الصلاة التي يستاك لها على الصلاة التي لا يستاك لها سبعين ضعفا (المستدرك للحاكم رقم ۵۱۵)[२०] हज़रते आंईशा (रज़ि.) से रिवायत है के रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने इरशाद फ़रमाया, “जो नमाज़ मिस्वाक कर के अदा …

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अज़ान और इक़ामत की सुन्नतें और आदाब-(भाग-८)

अज़ान देने के समय निम्नलिखित सुन्नतों और आदाब का लिहाज़ रखा जाए (४) क़िब्ले की तरफ़ रुख़ कर के अज़ान देना.[१] عن معاذ بن جبل رضي الله عنه قال… فجاء عبد الله بن زيد رجل من الأنصار وقال فيه فاستقبل القبلة … (سنن أبي داود رقم ۵٠۷) हज़रत मुआज़ बिन …

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